Politics on Tiranga: पूर्व सीएम अखिलेश ने तिरंगा अभियान पर उठाया सवाल, अयोध्या के महापौर बोले- बंद करें तुच्छ राजनीति
Politics on Tiranga: पूर्व सीएम अखिलेश ने तिरंगा अभियान पर उठाया सवाल, अयोध्या के महापौर बोले- बंद
Politics on Tiranga: जहां एक ओर पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव(Azadi ka Amrit Mahotsav) मना रहा है वहीं दूसरी ओर अयोध्या से तिरंगे के अपमान की तस्वीर सामने आई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसका एक वीडियो भी ट्विट किया है। अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने वीडियो ट्विट करके आरोप लगाया है कि महापौर की मौजूदगी में अयोध्या नगर निगम ने तिरंगे का अपमान किया है। नगर निगम ने कूड़ा उठाने वाली गाड़ी से राष्ट्रध्वज को पहुंचाया है जो तिरंगे का तिरस्कार हुआ है, वो अक्षम्य है। इससे पहले अखिलेश यादव ने भाजपा पर तिरंगा लगाए जाने को लेकर निशाना साधा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के देशप्रेम को सच्चाई से परे बताते हुए दावा किया कि भाजपा नेता 'हर घर तिरंगा'(Har Ghar Tiranga) अभियान के दौरान भी कहीं तिरंगे का रंग बदल रहे हैं तो कहीं उसे उल्टा पकड़े फोटो खिंचवाते हैं। बतादें कि अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ट्वीट किया था जिसमें कौशांबी के भाजपा सांसद विनोद सोनकर समेत कई नेता उल्टा तिरंगा झंडा पकड़े नजर आ रहे थे।
प्रयागराज के भाजपा कार्यालय को लेकर अखिलेश ने उठाया सवाल
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस का आजादी की लड़ाई और इसके बाद भी राष्ट्रध्वज और संविधान को स्वीकार न करना क्या कहता है? सत्ता के स्वार्थ और जनता के दबाव में राष्ट्रध्वज(National Flag) को आगे रखकर भाजपा-आरएसएस अपने अतीत के काले पृष्ठों को छिपाने का प्रयास करने में लगी है। अखिलेश ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि लगातार इस तरह की रिपोर्टें आ रही हैं कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री की जा रही है। यह ध्वज जहां करोड़ों भारतीयों के लिए आन-बान शान का प्रतीक है, वहीं भाजपाइयों के लिए यह बेचने का सामान है।
प्रयागराज में भाजपा ने अपने कार्यालय में राष्ट्रध्वज क्यों नहीं फहराया? उन्होंने कहा कि भाजपा का देशप्रेम(Patriotism) कितना सत्य से परे है, इससे साबित होता है कि अमृत महोत्सव के तिरंगा अभियान के दौर में भी कहीं तिरंगे का रंग बदल रहे हैं, कहीं उल्टा पकड़े फोटो खिंचवाते है। भाजपाई अमृत महोत्सव को भी आपदा में अवसर की तरह इस्तेमाल करने से बाज नहीं आने वाले हैं।