विदेश सचिव ने ईरानी मंत्री से मुलाकात की, चाबहार बंदरगाह परियोजना पर चर्चा की

विदेश सचिव ने ईरानी मंत्री से मुलाकात की, चाबहार बंदरगाह परियोजना पर चर्चा की

Kwatra meets Iranian foreign minister in Tehran

Kwatra meets Iranian foreign minister in Tehran

नई दिल्ली। Kwatra meets Iranian foreign minister in Tehran: भारत- ईरान ने चाबहार बंदरगाह परियोजना के माध्यम से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर चर्चा की है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने रविवार को तेहरान में ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मुलाकात की। विदेश सचिव ने रणनीतिक चाबहार बंदरगाह के माध्यम से कनेक्टिविटी बढ़ाने, हमास-इजरायल संघर्ष से उत्पन्न पश्चिम एशिया की वर्तमान स्थिति पर ईरानी विदेश मंत्री के साथ चर्चा की।

आपसी सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए दोनों देश

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों पक्ष विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए। बागची ने एक्स पर कहा कि विदेश सचिव ने ईरान के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात में द्विपक्षीय मामलों, चाबहार बंदरगाह सहित कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर चर्चा की। क्वात्रा की तेहरान यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमास और इजरायल के बीच संघर्ष पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच हुई है।

तेहरान में विदेश सचिव ने राजनीतिक मामलों के प्रभारी ईरानी उप विदेश मंत्री अली बघेरी कानी के साथ भारत-ईरान फारेन आफिस कंसल्टेशन (एफओसी) की बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की, जिसमें चाबहार बंदरगाह, राजनीतिक जुड़ाव, व्यापार और आर्थिक संबंध, क्षमता निर्माण पहल शामिल हैं।

वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुआ विचार- विमर्श

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान और गाजा सहित वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया। क्वात्रा ने आर्थिक मामलों के प्रभारी ईरानी उप विदेश मंत्री मेहदी सफारी से भी मुलाकात की।

भारत- ईरान मिलकर कर रहे हैं चाबहार बंदरगाह का विकास

ईरान के दक्षिणी तट पर स्थित चाबहार बंदरगाह को भारत और ईरान द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने खासकर अफगानिस्तान से कनेक्टिविटी के लिए भारत चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है।

चाबहार बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आइएनएसटीसी) परियोजना के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में भी देखा जाता है। आइएनएसटीसी भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी मल्टी-मोड परिवहन परियोजना है।

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