Medical College Tanda: हिमाचल में पहली बार मरीज का प्लाज्मा बदल किया उपचार
- By Arun --
- Saturday, 03 Jun, 2023
For the first time in Himachal, patient's plasma was changed for treatment
धर्मशाला:मेडिकल कॉलेज टांडा ने अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में और इजाफा किया है। टांडा मेडिकल कॉलेज में ओटोइम्यून रोग से पीड़ित एक मरीज का हिमाचल में पहली बार प्लाज्मा एफरेसिस प्रक्रिया अपनाकर उपचार किया गया। अंगों को हिलाने की क्षमता खो चुकी मरीज अब पैर हिलाने लगी है। अब डॉक्टर उसके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद कर रहे हैं। कॉलेज प्राचार्य डॉ. भानु अवस्थी ने बताया कि न्यूरोलॉजी विभाग में 19 वर्षीय रोगी को 23 मई को दाखिल करवाया गया। रोगी को दो दिन से अचानक में पीठ दर्द और निचले अंगों को हिलाने में असमर्थता महसूस होने लगी। उसे ऊपरी अंगों में भी कमजोरी महसूस हो रही थी। उसने अपने यूरीन और मल त्याग पर भी नियंत्रण खो दिया था। इसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के रूप में डायग्नाज किया गया।
रोगी की अपने तंत्रिका तंत्र के खिलाफ एंटीबॉडी बन गई थी। न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अमित भारद्वाज और उनकी टीम ने इलाज शुरू किया। इसमें रोगी की हालत में कुछ सुधार दिखा, लेकिन उसे तत्काल उपचार की आवश्यकता थी। ऐसे में डॉ. अभिनव राणा नेफ्रोलॉजिस्ट के साथ रोगी की बीमारी पर गंभीरता से चर्चा की। रोगी के लिए प्लाज्मा एक्सचेंज शुरू करने का निर्णय लिया गया। एक दिन छोड़ प्लाज्मा एक्सचेंज शुरू किया गया। रोगी ने सुधार दिखाया और अब अपने पैर हिला रही है। डॉक्टर उसके पूरी तरह ठीक होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस प्रक्रिया को डॉ. अमित भारद्वाज न्यूरोलॉजिस्ट और डॉ. अभिनव राणा नेफ्रोलॉजिस्ट ने टीम के साथ अंजाम दिया। हिमाचल और टांडा में पहली बार इस प्रक्रिया से मरीज का इलाज किया गया। डाॅ. भानु अवस्थी ने बताया कि इस चिकित्सा सुविधा की शुरुआत से निश्चित रूप से प्रदेश के लोगों को लाभ होगा और ओटोइम्यून रोग से पीड़ित रोगियों के लिए यह सुविधा आशा की किरण बनेगी।