दागी जनसूचना अधिकारियों से जुर्माना वूसली का हुआ पक्का बंदोबस्त

दागी जनसूचना अधिकारियों से जुर्माना वूसली का हुआ पक्का बंदोबस्त

दागी जनसूचना अधिकारियों से जुर्माना वूसली का हुआ पक्का बंदोबस्त

दागी जनसूचना अधिकारियों से जुर्माना वूसली का हुआ पक्का बंदोबस्त

एनआईसी ने बनाया मॉड्यूल, सेलरी से ऑटोमैटिक कटेगा जुर्माना

20 अप्रैल को लोकायुक्त कोर्ट में होगी सुनवाई

1726 डिफाल्टर अधिकारियों पर लगा है जुर्माना

चंडीगढ़, 13 मार्च। लोकायुक्त कोर्ट की सख्ती के बाद अब उन डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने न तो समय पर सूचना दी और न ही जुर्माना भरा। ऐसे डिफाल्टर अधिकारियों के वेतन से जुर्माना राशि अब ऑटोमैटिक तरीके से कटेगी। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र यानी एनआईसी ने इसके लिए मॉड्यूल विकसित किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को लोकायुक्त जस्टिस (सेवानिवृत्त) हरिपाल वर्मा करेंगे।
राज्य सूचना आयोग की ओर से भी अधिकारियों को जुर्माना राशि जमा करवाने के आदेश दिए थे, लेकिन इस पर एक्शन नहीं हुआ। इसके बाद मुख्य सचिव की ओर से भी इस बाबत सभी विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों, विभाग प्रमुखों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्तों, डीसी, एसडीएम सहित सभी संबंधित अधिकारियों को हिदायतें जारी की थी। लोकायुक्त के आदेशों के बाद सरकार एक्शन में आई और यह मॉड्यूल तैयार किया।
पानीपत के आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने 21 जुलाई, 2020 को सबूतों सहित लोकायुक्त कोर्ट में शिकायत की थी। उनका कहना था कि प्रदेश में जनसूचना अधिकारी न तो सूचना देते हैं और न ही जुर्माना राशि जमा करवाते हैं। 2006 से दिसंबर-2019 तक सूचना न देने के दोषी जनसूचना अधिकारियों पर राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई एक्ट के सेक्शन 20 (1) के तहत कुल 3 करोड़ 54 हजार 740 रुपये का जुर्माना लगाया था।
वर्षों बीत जाने पर भी 2 करोड़ 27 लाख रुपये की जुर्माना राशि अभी तक जमा नहीं हुई है। 1726 जनसूचना अधिकारियों के नाम डिफाल्टरों की सूची में शामिल हैं। इनमें कई एचसीएस अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने दलील दी कि इससे सरकार को राजस्व हानि हो रही है। प्रदेश में आरटीआई एक्ट भी मजाक बन कर रह गया है। शिकायत लोकायुक्त के नोटिस पर 18 जनवरी, 2021 को चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में जुर्माना राशि वसूली के लिए हाई पॉवर मॉनिटरिंग कमेटी गठित की। गई।
अब 21 फरवरी को केस की सुनवाई के दौरान प्रशासनिक सुधार विभाग के डिप्टी सेक्रेट्री राकेश संधु ने लोकायुक्त को सूचित किया कि जुर्माना राशि वसूली के लिए एनआईसी ने मॉड्यूल विकसित किया है। इसके तहत जुर्माना राशि को जनसूचना अधिकारियों की ई-सेलरी से लिंक करके सूचना आयोग को यूजर्स आईडी व पासवर्ड दे दिए हैं। मॉड्यूल के सुचारू होने पर डायरेक्टर जनरल (ट्रेजऱी एवं अकाउंट्स) द्वारा सभी वेतन जारी करने वाले अधिकारियों को डिफॉल्टर्स जनसूचना अधिकारियों के वेतन से जुर्माना राशि कटौती करने के निर्देश जारी किए जाएंगे।