First regular recruitment of special teachers in Union Territory

केंद्र शासित प्रदेश में विशेष शिक्षकों की पहली नियमित भर्ती: 22 टीजीटी और 18 जेबीटी कैडर के विशेष शिक्षकों को नियुक्ति पत्र 

First regular recruitment of special teachers in Union Territory

First regular recruitment of special teachers in Union Territory

First regular recruitment of special teachers in Union Territory- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित ऐतिहासिक कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक, गुलाब चंद कटारिया ने नए भर्ती किए गए विशेष शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। 22 टीजीटी और 18 जेबीटी कैडर के विशेष शिक्षकों को आज नियुक्ति पत्र दिए गए। ये पद भारत सरकार द्वारा 2019 में बनाए गए थे। स्कूल शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित यह समारोह सोमवार को गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-35 में आयोजित किया गया था। प्रशासक ने नियुक्त लोगों के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि समाज के प्रति अपनी जि मेदारी निभाएं और इस सुनहरे अवसर का प्रयोग करें।

कटारिया ने कहा, विशेष शिक्षकों के रूप में, आपको विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) को देश के लिए एक संपत्ति के रूप में आकार देने की जि मेदारी सौंपी गई है, जहां वे न केवल राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं, बल्कि सभी के लिए एक उदाहरण भी स्थापित करते हैं। आपकी भूमिका केवल शिक्षाविदों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करने और प्राकृतिक प्रतिभा को निखारने तक फैली हुई है। कटारिया ने कहा कि हमारे देश के विशेष रूप से सक्षम लोगों ने पैरा ओलंपिक और पैरा एथलेटिक खेलों में जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि अगर उनके कौशल और प्रतिभा को स मानित किया जाए, तो कोई भी मील का पत्थर हासिल किया जा सकता है।  उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन शहर में विशेष रूप से सक्षम छात्रों के लिए कोचिंग सहित खेल सुविधाओं को और बढ़ाएगा।

चंडीगढ़ के प्रशासक ने संतोष व्यक्त कहा कि हमारे विशेष शिक्षक भी अपने घरों पर सीडब्ल्यूएसएन बच्चों के लिए काम कर रहे हैं, जो स्कूल नहीं आ सकते हैं।  उन्होंने कहा, अगर हम एक भी छात्र के जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने में सक्षम हैं, तो वह भी एक बड़ी उपलब्धि है।  हमें और भी अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है ताकि हमारे सभी स्कूल सभी बच्चों और उनके माता-पिता के लिए प्रवेश के लिए बहुत सुलभ हो सकें।  प्रशासक ने व्यावसायिक विकास के महत्व पर भी जोर दिया, शिक्षकों से प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने, नवीन शिक्षण पद्धतियों को अपनाने और वैश्विक शैक्षिक रुझानों से अपडेट रहने का आग्रह किया।  प्रशासक ने सभी छात्रों के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए समग्र शिक्षा के प्रति प्रशासन के समर्पण को दोहराया।

विशेष जरूरत वाले बच्चों पर फोकस

इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देना है जहां विशेष जरूरतों वाले बच्चों को मु यधारा में लाया जाए, जिससे नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में निहित समावेशी शिक्षा के घटक को पूरा किया जा सके। स्कूली शिक्षा विभाग ने पहली बार विशेष शिक्षकों के लिए नियमित नियुक्तियां की हैं।  ऐसा करके समावेशी शिक्षा के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नए कार्यबल को जोड़ा गया है।  विशेष शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी करना टीजीटी, पीजीटी और जेबीटी सहित विभिन्न संवर्गों में नियुक्तियों की एक श्रृंखला का एक हिस्सा है।  इस कार्यक्रम में सीडब्ल्यूएसएन और मु यधारा के छात्रों द्वारा विकसित शिल्प वस्तुओं की प्रदर्शनी देखी गई।

इस शिल्प मेले में हस्तनिर्मित मोमबत्तियाँ, हथकरघा, चित्रकारी, दीवार की सजावट और न्यूनतम संसाधनों का उपयोग करके तैयार किए गए अन्य शिल्पों का प्रदर्शन किया गया।  इसके अलावा, एलि को (आर्टिफिशियल लिंब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा उपलब्ध कराए गए विशेष उपकरण, उपकरण और टीएलएम किट 75 छात्रों को दिए गए। कार्यक्रम के दौरान मु य अतिथि द्वारा विशेष एथलीटों को भी स मानित किया गया। श्री कटारिया ने छात्रों, अभिभावकों, प्रशिक्षकों और शिक्षकों के साथ बातचीत की और उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया।

111 सरकारी स्कूलों में 1.5 लाख विद्यार्थी

वर्तमान में चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के 111 सरकारी स्कूलों में लगभग 1.5 लाख छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें से 3087 विशेष आवश्यकता वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) छात्र हैं।  इसके साथ ही, 157 सी. डब्ल्यू. एस. एन. छात्रों को विशेष शिक्षकों द्वारा उनके घरों पर उपस्थित किया जाता है।  इसके अलावा, निजी कारणों से औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने का मौका नहीं मिल पाने वाले 2985 बच्चों की पहचान की गई है और उन्हें चंडीगढ़ के विभिन्न सरकारी स्कूलों में चल रहे विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में शामिल किया गया है।

इस कार्यक्रम का समापन शिक्षकों, माता-पिता और सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता के साथ हुआ, जो समावेशी शिक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने में सामूहिक रूप से काम करने के लिए उपस्थित थे, जहां प्रत्येक छात्र को सफल होने और समाज में सार्थक योगदान करने का अवसर मिलता है। कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव राजीव वर्मा, राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक प्रताप, शिक्षा सचिव सुश्री प्रेरणा पुरी, प्रशासक के विशेष सचिव अभिजीत विजय चौधरी, निदेशक स्कूल शिक्षा ,हरसुहिंदर पाल सिंह बराड़, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राज्य आयुक्त सुश्री माधवी कटारिया और शिक्षा विभाग और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।