भारत का पहला गांव; जरा मिलिए उत्तराखंड के 'माणा' से, अब अंतिम मत कह देना
First Indian Village Mana in Uttarakhand
First Indian Village Mana in Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली में भारत-चीन सीमा पर स्थित माणा गांव अब देश का अंतिम गांव नहीं कहलाएगा बल्कि यह अब देश का पहला गांव माना जाएगा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा माणा गांव की दहलीज पर इस संबंध में आधिकारिक साइन बोर्ड भी लगा दिया गया है। जिस पर अंग्रेजी और हिंदी सहित बड़े-बड़े शब्दों में लिखा है- ''First Indian Village Mana - भारत का प्रथम गांव माणा।'' पूरा माणा गांव खूबसूरत पहाड़ों के बीच घिरा हुआ है। गांव के नजारे देखते ही बनते हैं।
बतादें कि, उत्तराखंड के इस सीमावर्ती गांव माणा को पहले भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से यह अंतिम से भारत का प्रथम गांव बन गया है। दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में माणा में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इसे भारत का अंतिम गांव मानने की बजाय देश का पहला गांव मानने की बात कही थी। पीएम मोदी ने कहा था कि, हर सीमावर्ती गांव पहला गांव होना चाहिए। पीएम ने कहा उनके लिए सीमा पर स्थित हर गांव देश का पहला गांव है। पीएम मोदी ने देश के लोगों से माणा गांव आने का भी आग्रह किया था।
इधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के सीमावर्ती इलाके और जीवंत हो रहे हैं। धामी ने कहा, सीमावर्ती इलाकों के उत्थान के लिए 'वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम' भी शुरू किया गया है। जिसके तहत सीमावर्ती गांव विकसित किए जाएंगे। गांव के ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ स्थायी व्यवसायों, संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देना है। ऐसे गावों की पर्यटन क्षमता को बढ़ाना है।
यह तय करना है कि, सीमावर्ती गांवों में पर्यटन क्षमता का दोहन कैसे किया जा सकता है। किस प्रकार गांव के लोगों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम से सीमावर्ती गांवों में विकास की संभावनाओं को पंख लगेंगे। यह कार्यक्रम सीमावर्ती गांवों में पलायन रोकने में भी कारगार होगा।