पिता ने पुत्र तो भाई ने बहन को उतारा मौत के घाट, ऑनर किलिंग की वारदातों को सुनकर हो जाएंगे हैरान

पिता ने पुत्र तो भाई ने बहन को उतारा मौत के घाट, ऑनर किलिंग की वारदातों को सुनकर हो जाएंगे हैरान

पिता ने पुत्र तो भाई ने बहन को उतारा मौत के घाट

पिता ने पुत्र तो भाई ने बहन को उतारा मौत के घाट, ऑनर किलिंग की वारदातों को सुनकर हो जाएंगे हैरान

बाराबंकी : छोटी बहनों पर बुरी नियत रखने वाले युवक को उसके पिता ने मौत के घाट उतार दिया तो एक भाई ने अपनी बहन को उसके चरित्र के चलते मार डाला। देवा और मोहम्मदपुरखाला थाना की इस आनर किलिंग की वारदातों का पुलिस ने राजफाश करते हुए हत्यारोपित पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया है। न्यायालय में पेश किए गए आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।

पिता ने पुत्र को उतारा मौत के घाट : देवा थाना के ग्राम रामपुर कैथी के रहने वाले शिवराज की पत्नी की पांच साल पहले मृत्यु हाे गई थी। उसकी तीन पुत्रियां और एक पुत्र शुभम था। शुभम नशे का लती था और अपनी बहनों पर गंदी नियत रखता था। जिसको लेकर आए दिन घर में विवाद होता था। यही नहीं, सबसे छोटी आठ वर्ष की पुत्री के साथ उसने गलत काम करने की कोशिश की। जानकारी होने के बाद पिता ने अपने पुत्र की हत्या की साजिश रच डाली। छह मार्च की रात पिता ने साजिशन पुत्र के साथ शराब पी और जब शुभम अधिक नशे में हो गया तो उसे गांव के बाहर जंगल नावर झील खारजा के नाले के पास ले गया। वहां उसका गला दबाकर मौत के घाट उतारा और शव नाले में फेंक दिया। छह मार्च को ही मृतक के चचेरे भाई कपिल कुमार ने गुमशुदगी की सूचना दी थी। एसपी ने बताया कि पुत्र की हत्या के पिता इतना व्यथित था कि वह बार-बार अचेत हो जाता था और बहुत परेशान था। उसके इसी लक्षण के चलते पुलिस को शक हुआ और आरोपित को पकड़ लिया।

लाठी मारकर की बहन की हत्या : मोहम्मदपुरखाला थाना के ग्राम गैसापुर में रहने वाले मोहर्रम अली की 22 वर्षीय पुत्री शबनम 26 जनवरी को लापता हो गई थी। पिता ने गावं की रूबी पर शक के आधार पर अपहरण का मुकदमा लिखाया था। पूछताछ में मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस को पता चला कि शबनम के भाई इसरार ने 26 जनवरी की शाम उसके चाल चलन का विरोध किया। भाई बहन में विवाद हुआ तो इसरार ने शबनम के सिर पर लाठी मार दी। वह सिर पकड़कर बैठ गई तो उसने नाटक करने की बात कहते हुए फिर एक लाठी मार दी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। घबराए इसरार ने किसी को इसकी सूचना नहीं दी और गावं के बाहर दूसरे घर में शव को छिपा दिया। रात में जब सभी लोग सो गए तो शव को साइकिल से ले जाकर सुबली नदी में फेंक दिया और अपने बचने के लिए उसका दुप्पटा एवं चप्पल को नदी के किनारे रख दिया था, जिससे मामला जान देने का प्रतीत हो।