किसान उपद्रव पैदा कर रहे, CJI का एक्शन हो; सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी, स्वत: संज्ञान लेने की मांग
Farmers Delhi Chalo March Supreme Court Bar Association Letter To CJI
Farmers 'Delhi Chalo' March: किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है और एक्शन लेने की मांग की है। बार एसोसिएशन का कहना है कि, किसान दिल्ली में घुसने की कोशिश कर उपद्रव पैदा कर रहे हैं। इसलिए CJI उपद्रवी किसानों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक्शन लें।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने CJI को चिट्ठी लिखी है। अग्रवाल ने CJI से दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले किसानों पर उपद्रव पैदा करने और नागरिकों के दैनिक जीवन को परेशान करने का आरोप लगाते हुए स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई (CJI Take Suo Motu Action Against Farmers) करने को कहा। उन्होंने सीजेआई से अदालतों को निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया कि अदालतों के समक्ष वकीलों की गैर-मौजूदगी के कारण कोई प्रतिकूल आदेश पारित न किया जाए।
हरियाणा और दिल्ली के बार्डर सील
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर हरियाणा और दिल्ली के बार्डर सील कर दिए गए हैं। पूरी दिल्ली में धारा-144 लागू है। वहीं दिल्ली के आसपास के हरियाणा के 15 जिलों में भी धारा-144 लगाई गई है। इसके साथ ही हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
किसान किसी भी हालत में अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की ओर न बढ़ पाएं। इसके लिए दिल्ली-हरियाणा के बार्डर पर खड़े कीले बिछाए गए हैं। इसके साथ ही कंटेनर, कंटीले तारों, कंक्रीट-सीमेंटेड और लोहे के बैरीकेड्स से कई लेयर की बैरीकेडिंग की गई है। किसानों को रोकने के लिए मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ-साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की भी तैनाती है। जवानों के पास सुरक्षा उपकरणों के पूरे प्रबंध हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।
क्यों दिल्ली जा रहे किसान?
किसानों की केंद्र सरकार से MSP गारंटी कानून समेत कुछ मुख्य मांगे हैं। जिन पर किसान केंद्र सरकार की मंजूरी चाहते हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसानों के बीच मीटिंग भी हो चुकी है। बीते सोमवार की शाम को दूसरी बार किसानों और केंद्र सरकार के मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा के साथ चंडीगढ़ में 5 घंटे से ज्यादा मीटिंग चली थी लेकिन ये मीटिंग भी बेनतीजा रही। मीटिंग में किसानों और केंद्र सरकार के बीच सहमति नहीं बनी। जिसके बाद किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च बरकरार रखा।
किसान बोले- सरकार हमारी मांगों पर गंभीर नहीं
केंद्र सरकार के साथ बातचीत न बन पाने पर किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर गंभीर नहीं है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने कल की बैठक में एक समाधान खोजने की कोशिश की ताकि हम सरकार से टकराव से बचें और हमें कुछ मिले। लेकिन कुछ नहीं हुआ।
सरवन सिंह पंढेर ने कहा, सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, सरकार बस समय निकालना चाहती है। हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। सरवन सिंह पंढेर ने कहा पंजाब और हरियाणा के लोगों पर अत्याचार हो रहा है। ऐसा लगता है कि ये दोनों राज्य अब भारत का हिस्सा नहीं हैं, इन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा माना जा रहा है।
किसानों को कांग्रेस का समर्थन नहीं है
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कांग्रेस को लेकर भी बड़ा बयान दिया। पंढेर ने कहा कि कांग्रेस हमें कोई सपोर्ट नहीं करती है। हम कांग्रेस को भी उतना ही दोषी मानते हैं जितनी भाजपा दोषी है। हम किसी के पक्ष वाले लोग नहीं हैं। हम किसान और मजदूर की आवाज उठाने वाले लोग हैं।