एक्सपायर पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स की धड़ल्ले से हो रही है बिक्री
Expired Packed Food Products
आखिर कैसे और कौन कसेगा शिकंजा ?
अर्थप्रकाश/मुकेश कुमार सिंह
पटना/ बिहार : Expired Packed Food Products: बिहार के शासन और सिस्टम के भीतर कई छेद हैं। सरकार का कोई विभाग ऐसा नहीं है, जहाँ ईमानदारी से कोई काम हो रहा हो। घूसखोरी अब अपसंस्कृति बन कर, रोज नए-नए झंडे गाड़ रही है। इसी कड़ी में बिहार के सहरसा से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिला मुख्यालय में एक्सपायर्ड पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। गौरतलब है कि बिना बिक्री अनुज्ञप्ति के किराना दुकानदार, एक्सपायर्ड फूड प्रोडक्ट्स की बिक्री कर रहे हैं। किराना दुकानदार को पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स की बिक्री के लिए, एफएसएसएआई से अनुज्ञप्ति लेनी पड़ती है l लेकिन बिना किसी अनुज्ञप्ति की बिक्री करने वालों की बाढ़ आई हुई है। ऐसे मामलों में फूड इंस्पेक्टर, जिले के सिविल सर्जन सहित अन्य सम्बद्ध विभाग के अधिकारी मूक और बधिर बने हुए हैं। अमूमन लोग घर के समान की शॉपिंग के दौरान, काफी कुछ डब्बा बन्द और पैक्ड खाने की चीज़ें खरीद लाते हैं। डिब्बा बंद या पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स, हमेशा एक एक्सपाइरी डेट के साथ आता है।
आखिरी तारीख से पहले ही उस फूड प्रोडक्ट को खा लेना चाहिए। एक्सपायर्ड पैक्ड फूड के खाने का स्वाद बदल जाता है और इससे आपकी तबियत खराब हो सकती है। हम जिन फूड प्रोडक्ट्स को खाते हैं, उनमें 'यूज बाय डेट', 'बेस्ट बिफॉर' के रूप में एक्सपायरी डेट लिखी होती है। इसका मतलब है इन फूड प्रोडक्ट्स में पोषक तत्वों की क्वालिटी एक्सपायरी डेट से पहले अच्छी होती है। यानी यह गारंटी दी जाती है कि उस खाद्य सामग्री को खाने से आपको कोई नुकसान नहीं होगा और इसकी गुणवत्ता अच्छी है। एक्सपायर्ड हो चुके खाद्य पदार्थ को खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। फूड पॉइजनिंग में उल्टी, बुखार, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्या हो सकती है। अब आप पैसे खर्च कर के, बीमारी खरीद रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि ऐसे दुकानदारों पर नकेल कैसे और कौन कसेगा? जब जिला मुख्यालय में एक्सपायर्ड पैक्ड फूड बेचे जा रहे हैं, तो आप अनुमान लगाएँ कि गाँव, देहात और रिमोट से रिमोट इलाके में क्या-क्या हो रहे होंगे?
सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि पढ़े-लिखे लोग भी, जल्दी इस पर ध्यान नहीं देते हैं। जब बुद्धिजीवी वर्ग भूल और गलती कर बैठते हैं, तो अनपढ़ और गंवार लोगों के साथ क्या हो रहा होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। हम यह दावे के साथ कह रहे हैं कि सहरसा सहित बिहार के लगभग सभी जिले में एक्सपायर्ड पैक्ड फूड की बिक्री, शहर से ले कर ग्रामीण इलाके में बिना किसी रोक-टोक के बड़े पैमाने पर हो रही है। इस खबर के जरिये हम चाहते हैं कि सरकार और सिस्टम, इस गम्भीर मामले को गम्भीरता से ले। बिहार के सभी जिलों में अलग-अलग कई टीम बना कर, शहर से ले कर ग्रामीण इलाके में किराना दुकानों में छापेमारी और छानबीन हो। जब एक्सपायर्ड पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स बरामद किए जाएंगे और बल्क में किराना दुकानों को सील किया जाएगा, तभी ऐसी बिक्री को रोकना मुमकिन हो पायेगा। हमारी समझ से सामाजिक संगठनों को भी इस गम्भीर मामले को ले कर, लगातार जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। बड़ी कारवाई और जागृति के बाद ही, ऐसी घातक और जानलेवा बिक्री पर लगाम लग सकेगी।