Every rupee collected is accounted for so that money does not go waste

इकट्ठा किए गए हर रुपये का रखा जाता है हिसाब, ताकि पैसा व्यर्थ न जाए : वित्त मंत्री सीतारमण

Every rupee collected is accounted for so that money does not go waste

Every rupee collected is accounted for so that money does not go waste

Every rupee collected is accounted for so that money does not go waste- बेंगलुरु। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इकट्ठा किए गए हर एक रुपये का हिसाब रखती है, ताकि वह व्यर्थ न जाए और आम लोगों को सरकार के काम का लाभ मिले। 

वित्त मंत्री सीतारमण ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने धन का प्रबंधन इस तरह किया है कि टैक्स के रूप में इकट्ठा किए गए रुपये प्रभावी रूप से परिसंपत्ति के निर्माण और लोगों को एक अच्छा शासन देने पर खर्च किए जाएं।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के साथ देश में बैंकिंग का कायाकल्प 2014 में शुरू हुआ था। इसका उद्देश्य बैंकिंग तंत्र को सब के लिए सुलभ बनाना था।

पीएमजेडीवाई के तहत 52.3 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं। यह वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रही है जिससे हाशिए पर पड़े लोगों को औपचारिक वित्तीय तंत्र में लाने में मदद मिल रही है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे नागालैंड के एक छोटे से एनजीओ की अब अमेरिका के बाजार तक सीधी पहुंच है। उन्होंने कहा, "जब मैं नागालैंड गई, तो मैंने एक एनजीओ का दौरा किया, जो कुशन कवर से लेकर चाय कोस्टर तक हाथ से बने हस्तशिल्प उत्पाद बनाती थी।

"एनजीओ चलाने वाली महिला ने मुझे बताया कि उन्हें अमेरिका से एक ऑर्डर मिला है और वे इसे क्रिसमस के लिए भेज रही हैं।"

उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "किसी ने भी इस तरह की पहुंच की कल्पना नहीं की होगी। डिजिटल क्रांति की कोई सीमा नहीं है। अगर यह नागालैंड में एक छोटे से एनजीओ के लिए सच हो सकता है, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि इससे पूरे देश में छोटी इकाइयों को कितना फायदा हुआ होगा।"

उन्होंने आगे कहा, "आज के समय में कोई भी व्यक्ति इंतजार नहीं कर रहा कि कोई आएं और उन्हें डिजिटल और वित्तीय समावेशन को लेकर शिक्षित करें, क्योंकि उनके पास उनके फोन मौजूद हैं।"