कोरोना महामारी के बाद भी भारत ने कृषि निर्यात में 50 अरब अमेरिकी डालर के उच्चतम स्तर को छुआ, जानिए कैसे
कोरोना महामारी के बाद भी भारत ने कृषि निर्यात में 50 अरब अमेरिकी डालर के उच्चतम स्तर को छुआ, जानिए क
जब कोरोना महामारी के कारण पूरा विश्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस दौरान हमारे देश के कृषि निर्यात में उच्च स्तर पर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जब पूरा देश कोरोना के कारण बंद था तब भी भारत के कृषि उत्पादों में वृद्दि दर्ज की गई। इस उपलब्धि को लेकर वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने आज यानी रविवार को प्रतिक्रिया दी है।
वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वाणिज्य विभाग ने भारत को दुनिया के लिए खाद्य टोकरी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन कदमों का ही परिणाम है कि से कृषि निर्यात के 50 अरब अमरीकी डालर के उच्चतम अंक तक पहुंचने की उपलब्धि हासिल हुई है।
वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पहले भारत में फसल के उत्पादन और निर्यात के बीच सामंजस्य नहीं था। इसके अलावा एक चीज और थी यहां के किसान निर्यात करने लायक फसलों के उत्पादन की अवधारणा से परिचित नहीं थे। इन सबके अलावा जांच में एकऔर चीज सामने आई वो ये थी कि राज्य केवल केंद्र सरकार के डोमेन के रूप में निर्यात ले रहे थे। इसके अलावा राज्य सरकारों के साथ कृषि निर्यात के बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञता की कमी भी थी।
अधिकारियों ने बताया कि इन सबको देखने के बाद 'हमारे विभाग के अधिकारियों ने लोगों के बीच जागरूकता फैलाई और किसानों को सूचित किया कि उनकी अतिरिक्त कृषि उपज का भारत सरकार निर्यात करेगी क्योंकि सरकार कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों की मदद करना चाहती है। दरअसल, यहां आज भी भारत के किसान भारत में आजीविका का सबसे बड़ा स्रोत प्रदान करते हैं।' अधिकारियों ने कहा कि कृषि क्षेत्र में निर्यात कोविड वैश्विक महामारी के बावजूद बढ़ा है।
अधिकारियों ने कहा कि वाणिज्य विभाग ने कृषि से संबंधित बुनियादी ढांचे में आ रही समस्याओं, रसद बाधाओं, कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं आदि की पहचान करने में राज्यों का समर्थन किया। उनका ये भी कहना है कि भले ही देश कृषि निर्यात में 50 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया हो, लेकिन अभी तक भी देश कृषि उत्पादों के निर्यात में अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाया है।
सरकार के प्रयासों के कारण 2021-22 में भारत ने चावल में लगभग 10 बिलियन अमरीकी डालर का निर्यात किया, जिसमें दुनिया के चावल निर्यात में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही थी। समुद्री उत्पादों (8 बिलियन अमरीकी डॉलर), चीनी (4.5 बिलियन अमरीकी डॉलर), गेहूं (2 बिलियन अमरीकी डालर) और काफ़ी (एक बिलियन अमरीकी डॉलर) का अब तक का सबसे अधिक निर्यात हुई, 4 बिलियन अमरीकी डालर मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद निर्यात, 4 बिलियन अमरीकी डालर मसाले निर्यात और 3 बिलियन अमरीकी डालर कपास का निर्यात हुआ।