Establish Kalash on the first day of Chaitra Navratri

Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन करें कलश स्थापना, देखें मुहूर्त, शुभ दिशा

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Establish Kalash on the first day of Chaitra Navratri

Establish Kalash on the first day of Chaitra Navratri हिन्दू पंचांग के अनुसार 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास के प्रतिपदा तिथि से मां दुर्गा के प्रमुख नौ स्वरूपों की उपासना करने से भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि नवरात्रि पर्व के प्रथम दिन साधकों को कलश स्थापना का शुभ समय और शुभ दिशा का ध्यान निश्चित रूप से रखना चाहिए। 

घटस्थापना मुहूर्त 
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानि 22 मार्च, बुधवार के दिन साधक घटस्थापना सुबह 06 बजकर 14 मिनट से सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक कर सकते हैं। बता दें कि घटस्थापना मुहूर्त द्विस्वभाव मीन लग्न की अवधि में है।

कलश स्थापना नियम 
*    चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन साधक मां दुर्गा की प्रतिमा और कलश उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। पूजा-पाठ के लिए इस दिशा को अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके साथ अखंड ज्योति की स्थापना आग्नेय कोण में ही करें।

*    माता की प्रतिमा और कलश को लकड़ी या चंदन से बनी चौकी पर ही स्थापित करें। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में चंदन को बहुत ही शुभ माना जाता है और शास्त्रों में इसे सकरात्मक उर्जा का केंद्र भी कहा गया है।

*    चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वस्तिक चिन्ह बनाएं और आम या अशोक के पत्तों से बने तोरण को लगाएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

*    नवरात्रि के पहले दिन लाल अथवा पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इन दोनों रंगों को उमंग और प्रसन्नता का प्रतीक माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा का समय साधक काले रंग का प्रयोग गलती से भी ना करें। ऐसा करने से नकारात्मक उर्जा हावी हो सकती है।

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