हरियाणा में दूसरे दिन भी जारी रही कर्मचारियों की हड़ताल
हरियाणा में दूसरे दिन भी जारी रही कर्मचारियों की हड़ताल
प्रदेश में बस सेवा हुई प्रभावित
कई विभागों में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
चंडीगढ़, 29 मार्च। केन्द्र एवं राज्य सरकार की कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मियों को पक्का करने व निजीकरण की मुहिम पर रोक लगाने आदि मांगों को लेकर सरकार के घोर उपेक्षापूर्ण रवैए के खिलाफ सोमवार से शुरू हुई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का दूसरे दिन भी असर दिखाई दिया। हड़ताल के दौरान जहां सडक़ों पर बसों की संख्या कम रही वहीं विभागों, बोर्डों, निगमों विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, परिषदों पालिकाओं और विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारी एवं वर्कर के हड़ताल में शामिल होने से काम काज बुरी तरह प्रभावित रहा।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की सफलता का दावा किया है। संघ ने प्रदेश की भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार को सचेत करते हुए कहा कि हड़ताल से सबक लेते हुए निजीकरण की मुहिम को रोकने और कर्मचारियों की लंबित मांगों का बिना किसी और देरी के समाधान नहीं किया तो कर्मचारियों के निर्णायक एवं तीखे आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए राज्य के सभी कर्मचारी संगठनों से भी व्यापक एकता के साथ निर्णायक आंदोलन के निर्माण में एसकेएस का सहयोग करने का आग्रह किया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन रोडवेज की बसों का सभी जिलों में चक्का जाम रहा। उन्होंने बताया कि 11नगर निगमों,21 नगर परिषद् व 59 नगर पालिकाओं के तीस हजार से ज्यादा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से काम काज ठप्प हो गया।
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सैकड़ों फीडर ब्रेक डाउन पड़े रहे फिर बिजली व बिलों की दूरस्ती नहीं हो पाई। स्वास्थ्य विभाग में अधिकांश कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से आवश्यक सेवाओं को छोडक़र बाकी सेवाएं प्रभावित रही। उन्होंने बताया कि 13 से 16 अप्रैल तक बेगूसराय बिहार में राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। जिसमें हड़ताल की समीक्षा कर राष्ट्रव्यापी आंदोलन तेज करने का फैसला लिया जाएगा।