दूधली-मोथरोवाला मार्ग पर आ धमका हाथी, लोगों के पीछे दौड़ा तो मच गई अफरा-तफरी
Elephant threatened on Dudhli-Mothrowala road
डोईवाला: Elephant threatened on Dudhli-Mothrowala road: डोईवाला के सत्तीवाला में आबादी क्षेत्र में मंगलवार की सुबह 8 बजे अचानक हाथी (Elephant) के आ जाने से हड़कंप मच गया। हाथी को अपनी ओर आता देख मार्ग में आवाजाही कर रहे लोग वीडियो बनाने लगे। इस दौरान लोगों ने उसे पत्थर मारकर जंगल में भगाने की कोशिश की। जिस पर हाथी क्रोधित हो गया और हमला करने के लिए उनकी तरफ दौड़ता हुआ दिखाई दिया।
डोईवाला दूधली मार्ग पर जा रहे वाहनों पर भी हाथी ने हमला करने का प्रयास किया। इस दौरान स्कूटी पर जा रही स्थानीय युवती भी रुक कर वीडियो बनाने लगी, जिसे देख हाथी उसके पीछे दौड़ने लगा। युवती स्कूटी छोड़कर भाग गई तो हाथी ने स्कूटी को क्षतिग्रस्त कर दिया।
जिस जगह पर हाथी चहल कदमी कर रहा था वहां पर एक निजी विद्यालय भी है और गनीमत यह रही कि घटना के समय स्कूल का समय नहीं था। अन्यथा बच्चों पर भी हाथी हमलावर हो सकता था। हाथी को मार्ग पर घूमते हुए देख वन विभाग ने आतिशबाजी कर हाथी को भगाने के प्रयास किए। काफी देर तक हाथी मार्ग पर चहलकदमी करता रहा और बाद में जंगल की ओर चला गया।
डंडा लेकर पहुंचे थे तेंदुआ भगाने, वाचर पर बोला हमला (Came with a stick to drive away the leopard, attacked the watcher)
वहीं जसपुर में वन विभाग की लापरवाही के कारण टीम के एक सदस्य की जान आफत में पड़ गई। पतरामपुर में गन्ने के खेत में तेंदुआ दिखने की सूचना पर टीम डंडा लेकर ग्रामीणों के साथ गन्ने के खेत में पहुंच गई। तभी तेंदुए ने वन वाचर पर हमला बोल दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
इससे ग्रामीण भड़क उठे और उन्होंने रेंजर और वन दारोगा का घेराव कर नाराजगी जताई। सोमवार को पतरामपुर निवासी स्वर्ण सिंह के गन्ने खेत में श्रमिक गन्ना छीलने पहुंचे तो उन्हें गन्ने के खेत में तेंदुए के होने का आभास हुआ। उन्होंने खेत स्वामी को जानकारी दी। स्वर्ण सिंह ने सूचना पास ही स्थित पतरामपुर वन चौकी कर्मियों को दी। वन कर्मी लाठी-डंडे लेकर ग्रामीणों के साथ खेत पर पहुंच गए।
खेत को तीन ओर से घेरकर शोर मचाने लगे। तेंदुआ ने खेत से निकलकर वन वाचर सुलेमान 30 वर्ष पर हमला कर दिया। वन कर्मियों और ग्रामीणों के लाठी-डंडे लेकर तेंदुए के पीछे भागने पर तेंदुआ सुलेमान को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। वन कर्मियों ने घायल को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने रेंजर ललित आर्य, वन दारोगा पुष्पेंद्र सिंह राणा का घेराव कर आरोप लगाया कि ग्रामीणों की सूचना पर वन कर्मी केवल लाठी-डंडे लेकर आए थे। उसको पकड़ने के लिए जाल लेकर नहीं आए थे। तेंदुआ लगातार ग्रामीणों पर हमला कर रहा है।
वन दारोगा पुष्पेंद्र राणा ने बताया कि तेंदुए के पंजे के निशान देखकर उसके आने जाने वाले रास्ते को चिह्नित कर कैमरे लगाए जा रहे हैं इसके बाद पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़कर जंगल में भेजा जाएगा। घेराव करने वालों में सरदूल सिंह, रणजीत सिंह, नईम अहमद, सरदारा सिंह, हरकेश सिंह, हरिओम सिंह शामिल रहे।
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