चंडीगढ़ संसदीय सीट पर पहली जून को होगा चुनाव, भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर!
- By Vinod --
- Monday, 18 Mar, 2024
Elections for Chandigarh parliamentary seat will be held on June 1, direct contest between BJP and C
Elections for Chandigarh parliamentary seat will be held on June 1- चंडीगढ़ (वीरेंद्र सिंह)। लोकसभा चुनावों की सात चरणों में चुनाव की घोषणा की जा चुकी है। आयोग ने चंडीगढ़ और पंजाब में चुनावों की तिथि पहली जून को निश्चित कर दी है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
बता दें कि यह पहला चुनाव है, जिसमें आम आदमी पार्टी कांगे्रस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से चंडीगढ़ की एक मात्र संसदीय सीट कांग्रेस को दी गई है। ऐसे में कांग्रेस से चुनाव लडऩेवालों की लंबी कतार लग गई है। यह गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सीधा चुनावी मुकाबले में ताल ठोंकने जा रहा है। इस प्रकार कांग्रेस नेताओंं के अलावा चंडीगढ़ भाजपा के खेमे से भी कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। हालांकि उम्मीदवारी या प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मुहर दिल्ली हाईकमान ही लगायेगा। फिर भी टिकट के दावेदारों में मौजूदा सांसद किरण खेर, हिमाचल भाजपा के सहप्रभारी एवं भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रमुख सदस्य एवं चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व प्रधान संजय टंडन, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, पूर्व भाजपाध्यक्ष एवं शहर के मेयर रह चुके वरिष्ठ नेता अरुण सूद के नाम प्रमुख रूप से उभर कर सामने आ रहे हैं।
ऐसे ही कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की तरफ से पूर्व केेंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल, आनंदपुर साहिब सीट के मौजूदा सांसद एवं वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी, चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस. लक्की, हरमेल केसरी, मनोज लुबाना के नामों की चर्चा चल रही है। सभी नेताओं ने एक मात्र संसदीय सीट चंडीगढ़ से चुनावी समर में पार्टी टिकट के लिए दावेदारी जतायी है।
सबसे रोचक बात यह है कि चंडीगढ़ लोकसभा सीट का चुनाव पहली जून यानि अंतिम चरण में है। इसलिए प्रत्याशियों को प्रचार कार्य के लिए भरपूर समय मिलेगा। इसके साथ ही इस दौरान तेज गर्मी पडऩे की चुनौतियां भी रहेंगी। इसके विपरीत वर्ष 2014 के चुनाव में 10 अपै्रल को मतदान हुआ था। इस दौरान ज्यादा गर्मी भी नहीं थी, इसलिए प्रत्याशियों को गर्मी की ज्यादा मार नहीं झेलनी पड़ी थी। इसके अलावा राष्ट्रीय दलों का जहां पहले चरण में चुनाव होंगे, वहां पहले फोकस करने का प्रयास रहेगा।
कांग्रेस की बैठक आज
सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस पार्टी की मंगलवार को नई दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं की मंथन बैठक होने जा रही है। इसमें चंडीगढ़ के प्रत्याशी के नाम पर भी पार्टी की मुहर लग सकती है। किंतु भाजपा की मंथन बैठक कब होगी इसकी सूचना अभी नहीं मिल पा रही है। उम्मीद है कि कांग्रेस प्रत्याशी के नाम फाइनल होने के बाद ही भाजपा अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेगी।
किरण खेर को मिल सकता है मौका!
मौजूदा सांसद किरण खेर को तीसरी बातर भी चंडीगढ़ से टिकट मिलने की संभावनाएं जतायी जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी के शेष दिग्गजों को शंात करने के लिए पार्टी यह दांव भी खेल सकती है। क्योंकि सत्यपाल जैन, संजय टंडन और अरुण सूद को यदि टिकट दी जाती है, तो पार्टी के भीतर आंतरिक मनमुटाव या फूट हो सकती है, जिससे पार्टी को भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा चंडीगढ़ की सीट भाजपा तीसरी बार जीतकर हैट्रिक लगाना चाहती है। इसलिए वह प्रत्याशी चयन के मामले में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। हालांकि यह भी चर्चाएं हैं कि पैराशूट प्रत्याशी भी ऊपर से थोपा जा साकता है। किंतु चंडीगढ़ के नेताओं का मानना है कि इस बार चंडीगढ़ के ही नेता को पार्टी टिकट मिलेगा। क्योंकि यदि बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया गया तो इसका खामियाजा भी पार्टी को ही भुगतना पड़ेगा।
जाने-पहचाने चेहरे को मिलेगी प्राथमिकता
सबसे प्रमुख बात यह है कि सभी दल किसी खास चेहरे को ही प्रत्याशी बनाने की बात लेकर विचार-विमर्श करने में लगे हैं। क्योंकि संसदीय चुनाव ऐसा चुनाव है जिसमें शहर के मतदाता ऐसे व्यक्ति को वोट देना चाहेंगे, जो शहर के लिए खास यानि सर्वाधिक जाना-पहचाना चेहरा हो।
विगत दो चुनावों में दलीय स्थिति
वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सांसद बनी किरण खेर को कुल 1,91,362 वोट मिले थे। यानि 42.20 प्रतिशत। किंतु वर्ष 2019 के दौरान किरण खेर को 2,30,967 वोट यानि 50.64 प्रतिशत वोट मिले थे। इसी प्रकार दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के पवन कुमार बंसल को वर्ष 2014 में कुल 1,21,270 वोट यानि 26.84 प्रतिशत वोट मिले। किंतु 2019 में उन्हें 1,84,117 वोट यानि 40.35 प्रतिशत वोट मिले। आम आदमी पार्टी से पहली बार 2014 के चुनावी मैदान में उतरी सिने अभिनेत्री गुलपनाग को कुल 1,08,678 वोट यानि 23.97 प्रतिशत वोट मिले। फिर वर्ष 2019 में आप से हरमोहन धवन को केवल 13787 वोट यादि 3.82 प्रतिशत वोटों से ही संतोष करना पड़ा था।
आप गठबंधन के साथ पहली बार चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
हालांकि चुनाव होने में अभी लगभग ढाई माह का समय बचा है। किंतु पहली बार आप गठबंधन के साथ चुनाव लडऩे जा रही कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। क्योंकि ‘आप’ का पूरा सहयोग उसे मिलता है कि नहीं, यह आने वाला समय तय करेगा। किंतु चंडीगढ़ में कांग्रेस की पुरानी पृष्ठभूमि है, इसलिए उसे ज्यादा दिक्कतें नहीं आयेंगी। फिलहाल चुनाव तो चुनाव है, इसलिए कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।