चुनाव आयोग ने अपमानजनक टिप्पणी के मामले में भाजपा सांसद दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की निंदा की
- By Vinod --
- Monday, 01 Apr, 2024
Election Commission condemns BJP MP Dilip Ghosh and Congress leader Supriya Shrinet for derogatory r
Election Commission condemns BJP MP Dilip Ghosh and Congress leader Supriya Shrinet for derogatory remarks- नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सोमवार को महिलाओं के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने पर बीजेपी सांसद दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की निंदा की है।
आयोग ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) उल्लंघनों पर उन्हें जारी किए गए नोटिस का जवाब मिलने के बाद अपने आदेश में कहा है कि वे आश्वस्त हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत हमला किया और इस तरह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। उन्हें आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है। इस बार से उनके चुनाव संबंधी संचार पर आयोग द्वारा विशेष और अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी।
चुनाव आयोग ने कहा कि दिलीप घोष और सुप्रिया श्रीनेत ने राजनीतिक चर्चा के स्तर के संबंध में पार्टियों को दी गई सलाह का उल्लंघन किया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिनेता कंगना रनौत पर टिप्पणियों के लिए भाजपा नेता दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की निंदा की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की दोनों को चेतावनी भी दी गई है। चुनाव आयोग ने 27 मार्च को दिलीप घोष और सुप्रिया श्रीनेत को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें पाया गया कि दोनों ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन किया है।
दरअसल, चुनाव आयोग को तृणमूल कांग्रेस से एक शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बीजेपी के दिलीप घोष ने मीडिया को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की थी।
दूसरी ओर कांग्रेस सोशल मीडिया विंग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत को जारी नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा कि उसे भाजपा से एक शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुप्रिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कंगना रनौत की एक तस्वीर पोस्ट की थी। चुनाव आयोग ने कहा कि फोटो के साथ कैप्शन को "अपमानजनक और गलत" और एमसीसी का उल्लंघन पाया गया था।