कुणाल कामरा के देशद्रोही वाले जोक पर आया एकनाथ शिंदे का रिएक्शन, कहा “मै ध्यान नहीं देता”

kunal kamra eknath shinde comedy: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुणाल कामरा जोक विवाद पर बोलते हुए कहा कि इसकी एक सीमा होनी चाहिए और क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि वह बर्बरता को उचित नहीं ठहराते और आरोपों पर प्रतिक्रिया देने से परहेज करेंगे। शिंदे ने एक मराठी कार्यक्रम में कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हम व्यंग्य को समझते हैं। लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा है।” तो आइए जानते है और समझते है इस पूरे विवाद को।
क्या कहा मुख्यमंत्री ने ?
शिंदे ने कहा, कामरा ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की थी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है; यह किसी के लिए काम करना है।" "आजकल, मैं आरोपों का जवाब नहीं देता। मैं कहता हूं कि मेरा काम ही मेरा जवाब होगा। मैंने हमेशा काम को प्राथमिकता दी है। अटल सेतु, कोस्टल रोड दोनों मुंबई में और मेट्रो परियोजनाओं जैसी सभी परियोजनाएं अचानक बंद हो गई थीं। हमने विकास और कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए उन्हें फिर से शुरू किया," उन्होंने राज्य सरकार की कल्याणकारी पहलों पर प्रकाश डालते हुए कहा। उन्होंने कहा, "अतः मैं इस बात पर ध्यान नहीं देता कि कौन क्या कहता है; मैं अपने काम के माध्यम से उनका उत्तर देता हूं।”
क्या था कुणाल कामरा का जोक?
कुणाल कामरा ने हाल ही में मुंबई के खार इलाके में स्थित ‘हैबिटेट स्टूडियो’ में एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो किया। इस शो के दौरान उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के मशहूर गाने “भोली सी सूरत, आंखों में मस्ती” की पैरोडी बनाई। इस पैरोडी में उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति और एकनाथ शिंदे पर तंज कसा। उनके गाने के बोल कुछ इस तरह थे:
“ठाणे की रिक्शा, चेहरे पर दाढ़ी, आंखों पर चश्मा हाय!
हालांकि कुणाल ने अपने प्रदर्शन में एकनाथ शिंदे का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन वो जिस तरह से बोल रहे थे ये साफ था कि उनका इशारा शिंदे की तरफ था। “ठाणे की रिक्शा” से उनका तंज शिंदे के ठाणे जिले से आने पर था, और “गद्दार” शब्द का इस्तेमाल उद्धव ठाकरे गुट द्वारा शिंदे पर लगाए गए आरोपों की ओर इशारा कर रहा था। शिंदे ने साल 2022 में शिवसेना में बगावत कर उद्धव ठाकरे की सरकार गिराई थी और बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे, जिसके बाद उन्हें “गद्दार” कहकर संबोधित किया जाने लगा था।