Eid-Ul-Fitr 2023 : यहां पढ़े देश में कितने बजे होगा चांद का दीदार, ईद-उल-फितर पर जानें इसके महत्व को
- By Sheena --
- Tuesday, 18 Apr, 2023
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Eid-Ul-Fitr 2023 : मुस्लिम धर्म में रमजान महीने (Ramadan Mubarak 2023) का विशेष महत्व माना गया है और इस दौरान लोग रोज़ा रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रमजान को बरकत का महीना कहा जाता है और रमजान में अल्लाह अपने बंदों के करीब होता है। इसलिए अधिक से अधिक इबादत करने के लिए कहा जाता है। रमजान का महीना अच्छे कर्म करने के लिए होता है और इस दौरान जरूरतमंदों की मदद करने से सबाब हासिल होता है। रमजान के आखिरी दिन चांद का दीदार होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ईद की डेट चांद के दीदार पर निर्भर होती है और रमजान के बाद आने वाली ईद को ईद-उल-फितर कहा जाता है। आइए जानते हैं इस बार कब मनाई जाएगी ईद?
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ईद-उल-फितर का महत्व
मुस्लिम समुदाय के लिए ईद का पर्व बेहद खास माना जाता है। ये अल्लाह का शुक्रिया अदा करने का दिन होता है। इस्लामिक कैलेंडर में नवां महीना रमजान का है। वहीं दसवां महीना शव्वाल है। शव्वाल का पहला दिन दुनिया भर में ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। शव्वाल का अर्थ है, 'उपवास तोडऩे का त्योहार।
क्यों मनाई जाती है ईद?
ईद-उल-फितर या ईद इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार है। मान्यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में जीत हासिल की थी। इसी खुशी में लोग हर साल ईद मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि 624 ई में पहली बार ईद-उल-फितर मनाया गया था। यह त्योहार अमन और भाईचारे को बढ़ावा देता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं। मस्जिद में सुबह नमाज अदा करते हैं और अमन-चैन की दुआ मांगते हैं।
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ऐसे मनाई जाती है ईद
ईद के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर नए कपड़े पहने जाते हैं। फिर ईद की नमाज अदा की जाती है। ज्यादातर लोग कोशिश करते हैं कि नमाज ईदगाह जाकर पढ़ी जाए। नमाज के बाद सभी एक-दूसरे से सलाम करते हुए, गले मिलते हुए ईद की मुबारक बाद देते हैं। घर लौटकर सभी सैवइयों वाली खीर का सेवन करते हैं और तरह-तरह के पकवान का मजा लेते हैं। परिवार के बड़े लोग ईद पर सलाम करने आने वाले अपने से छोटे लोगों को अपनी इच्छानुसार ईदी यानी कुछ शगुन की राशि या तोहफा देते हैं।
ईद का त्योहार देता है सद्भावना का पैगाम
ईद का त्योहार सबको साथ लेकर चलने का पैगाम देता है। ईद पर हर मुसलमान चाहे वो आर्थिक रूप से संपन्न हो या न हो, सभी एक साथ नमाज पढ़ते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं। इस्लाम में ईद का एक महत्वपूर्ण पहलू है जकात यानी दान। हर मुसलमान को धन, भोजन और कपड़े के रूप में कुछ न कुछ दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कुरान में जकात-अल-फित्र को अनिवार्य बताया गया है। इसे हर मुसलमान का फर्ज कहा गया है। ये गरीबों को दिए जाने वाला दान है। परंपरागत रूप से इसे रमजान के अंत में और लोगों को ईद की नमाज पर जाने से पहले दिया जाता है। मुस्लिम अपनी संपत्ति को हमेशा पाक करने के रूप में अपनी सालाना बचत का एक हिस्सा गरीब या जरूरतमंदों को कर के रूप में देते हैं। विश्व के कुछ मुस्लिम देशों में जकात स्वैच्छिक है, वहीं अन्य देशों में इसे अनिवार्य माना गया है।
भारत में कब मनाई जाएगी ईद
भारत में 23 मार्च को चांद नजर आने की उम्मीद है. इसी के साथ रमजान महीने की शुरुआत होगी। 24 मार्च को पहला रोजा रहेगा। 29 या 30 रोजे के बाद ईद-उल-फितर (Eid Ul Fitr 2023) का त्योहार मनाया जाता है। इसका फैसला रमजान के 29वें रोजे की इफ्तार के बाद होता है। माना जा रहा है कि इस बार ईद 22 अप्रैल को मनाई जाएगी। हालांकि, अगर चांद दिखने की तारीख में बदलाव हुआ तो ईद की तारीख में बदलाव हो सकता है, लेकिन यह तय है कि ईद अप्रैल के चौथे हफ्ते में मनाई जाएगी।
पाकिस्तान में ईद की तारीख का ऐलान!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पड़ोसी देश पाकिस्तान में ईद की तारीख का ऐलान रमजान की शुरुआत के पहले ही कर दिया गया है। रमजान का पहला रोजा 23 मार्च को हो या फिर 24 मार्च को लेकिन ईद की तारीख 22 अप्रैल ही रहेगी।