हिमाचल में भूकंप के झटके, कुल्लू रहा केंद्र; जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता, भूकंप आने पर क्या करना चाहिए, क्यों आता है?
Eartquake in Himachal Pradesh Know Intensity on Richter Scale Update
Eartquake in Himachal Pradesh: भूकंप से बार-बार धरती कांप रही है। यह स्थिति चिंताजनक है। पिछले कुछ महीनों में ही भारत के अंदर कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। वहीं अब हिमाचल में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार सुबह तड़के हिमाचल में भूकंप के झटके लगे। हालांकि, इस भूकंप से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। क्योंकि भूकंप की तीव्रता कम थी।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि, हिमाचल के कुल्लू के पास भूकंप का केंद्र रहा। शुक्रवार सुबह तड़के 3 बजकर 39 मिनट के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए। जहां इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.0 मापी गई। बता दें कि, भूकंप विज्ञानी इस तीव्रता के भूकंप को मामूली भूकंप मानते हैं जिससे क्षति होने की संभावना नहीं होती है।
लेकिन मालूम रहे कि, इसी साल अप्रैल 2024 में हिमाचल में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप के चलते हिमाचल में तेज झटके महसूस किए गए थे। लोग दहशत के मारे घरों से बाहर निकल आए थे। हालांकि, भूकंप में किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था। वहीं हिमाचल के साथ पिछले दिनों में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी भूकंप के झटके लग चुके हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तो कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
क्यों आता है भूकंप?
बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।
भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।