Delhi-NCR में भूकंप के झटके; हरियाणा के फरीदाबाद के पास केंद्र, जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता
Earthquake in Delhi-NCR Faridabad Haryana News Update
Earthquake in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। चार बजकर आठ मिनट के करीब भूकंप के झटके लगे। हालांकि, भूकंप की तीव्रता ज्यादा तेज नहीं थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) ने बताया कि, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई है।
हरियाणा के फरीदाबाद के पास केंद्र
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि, रविवार चार बजकर आठ मिनट के आसपास भूकंप आया है. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 रही। जबकि भूकंप का केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद से 9 किमी पूर्व की तरफ रहा है।
अक्टूबर महीने में दूसरी बार भूकंप
अक्टूबर महीने में 15 दिन के अंदर दूसरी बार भूकंप आया है। इससे पहले 3 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके लगे थे। लखनऊ, उत्तराखंड से लेकर चंडीगढ़-हरियाणा और आसपास धरती कांप गई थी। भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए थे।
इस दौरान लोग दहशत में आ गए थे और अपने घर-दफ्तर से फटाफट बाहर भागते देखे गए थे। उस दौरान भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई थी, जिसका केंद्र नेपाल रहा था। बता दें कि, 3 अक्टूबर को नेपाल में दो बार भूकंप आया था। एक की तीव्रता 6.2 थी तो दूसरे की 4.6 मापी गई थी। 6.2 तीव्रता वाले भूकंप का भारत के हिस्सों में असर हुआ था।
क्यों आता है भूकंप?
बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।
भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।