Due to the efforts of the state government, Shongtong-Kadcham Hydroelectric Project Phase-2 got approval: Chief Minister

Himachal : राज्य सरकार के प्रयासों से शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना चरण-2 की मिली मंजूरी: मुख्यमंत्री

Sukhwinder-Singh-Sukhu

Due to the efforts of the state government, Shongtong-Kadcham Hydroelectric Project Phase-2 got appr

Due to the efforts of the state government, Shongtong-Kadcham Hydroelectric Project Phase-2 got approval: Chief Minister: शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम चरण-2 के तहत किन्नौर जिले में शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना के लिए लगभग 85 बीघा जमीन के उपयोग की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास वर्ष 2018 से लंबित थी। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से यह महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि परियोजना का कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण करने को इस भूमि की आवश्यकता थी।

श्री सुक्खू ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम के तहत यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास लंबे समय से विचाराधीन थी, लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने कड़े प्रयास करते हुए स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखा।

केंद्र सरकार द्वारा प्रथम चरण की स्वीकृति 19 मार्च, 2024 को प्रदान की गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने आवश्यक नियमों व शर्तों की अनुपालना रिपोर्ट सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपी और केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति के लिए आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी और राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। 450 मेगावाट शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2012 में अवॉर्ड किया था, जो नवंबर, 2026 तक पूरा होना है। उन्होंने कहा कि परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए एक ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जा रही है। परियोजना का कार्य समय पर पूरा करने के लिए ट्रांसमिशन की निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि प्रदेश सरकार को कोई वित्तीय नुकसान न हो।

उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ-साथ जल विद्युत का दोहन करना प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला प्रमुख क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न पहलों से प्रदेश में हरित उद्योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है, जिससे यह राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करने में सक्षम हो सके।

 

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