Traumatic accident in Chandigarh: नौ दिन बाद बंधना था सेहरा, हाइड्रोलिक ट्रॉली के नीचे दबकर चालक की मौत
Traumatic accident in Chandigarh: नौ दिन बाद बंधना था सेहरा, हाइड्रोलिक ट्रॉली के नीचे दबकर चालक की
Traumatic accident in Chandigarh: मृतक का नाम नवजोत बताया जा रहा है। कुछ दिन पहले भी घरों से कचरा उठाने वाले एक कर्मचारी की ऐसे ही हाइड्रोलिक ट्रॉली के नीचे दबकर मौत हो गई थी।
हाइड्रोलिक ट्राली के नीचे दबा चालक।
नौ दिन बाद दो अक्तूबर को सेहरा बंधना था लेकिन कचरा उठाने वाली गाड़ी की हाइड्रोलिक ट्रॉली के नीचे दबकर उसकी मौत हो गई। अब घर में कोहराम मचा हुआ है। मृतक की पहचान खरड़ के बडाली निवासी नवजोत के रूप में हुई है। घटना शुक्रवार सुबह सेक्टर-23ए में घटी। नवजोत घर घर से कचरा उठाने वाली हाइड्रोलिक ट्रॉली का चालक था।
जानकारी के अनुसार वह सुबह ट्रॉली के नीचे दब गया। दोपहर में कुछ लोगों ने काफी देर से गाड़ी को खड़ा देखा तो पता चला कि एक व्यक्ति गाड़ी की ट्रॉली में दबा है। इसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर मामले की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड विभाग को सूचित किया। फायर ब्रिगेड विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से चालक को बाहर निकाला गया और सेक्टर-16 स्थित अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इसकी सूचना परिजनों को दी।
प्रत्यक्षदर्शी बुड़ैल निवासी मनीष कुमार राणा ने बताया कि वह सेक्टर-23ए स्थित मदर टेरेसा मिशन ऑफ चैरिटी के पीछे बने पार्क से दोपहर लगभग 2 बजे आ रहे थे। इस दौरान देखा कि कचरा उठाने वाली गाड़ी खड़ी है और मौके पर कोई नहीं है। उन्होंने इधर उधर देखा तो हाइड्रोलिक ट्रॉली के नीचे एक व्यक्ति दिखा। थोड़ा हिलाने पर पता चला कि वह दबा हुआ था।
उन्होंने तत्काल 112 नंबर पर कॉल किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति का जायजा लेने के बाद फायर ब्रिगेड विभाग की टीम को बुलाया। उनकी मदद से चालक को बाहर निकाला गया। इस दौरान पुलिस ने उसके सीने पर तेजी से दबाया और मुंह से सांस दी ताकि प्राथमिक उपचार से युवक में कुछ हरकत हो लेकिन कोई हरकत न होने पर एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल भेज दिया। जहां शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है। वहीं गाड़ी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
पिता का साया उठने के बाद आठ माह पहले की थी बहन की शादी
28 साल के नवजोत के पिता का लगभग 16 साल पहले ही निधन हो गया था। कम उम्र में पिता का साया सिर से उठने के बाद उसने घर की जिम्मेदारियों को उठाया। मां के साथ मिलकर घर का खर्च चलाया। नवजोत की एक बड़ी बहन भी है। आठ माह पहले ही नवजोत ने धूमधाम से उसकी शादी की थी। बहन की शादी की जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद उसकी मां की इच्छा थी कि जल्द नवजोत की शादी हो जाए। रिश्ता पक्का हो गया था और दो अक्तूबर को शादी होनी थी इससे पहले ही हादसा हो गया।
परिजनों का आरोप, साथी कर्मचारियों के दबाव में था नवजोत
नवजोत के मामा के लड़के सतोल निवासी अमनप्रीत ने बताया कि उसका भाई साथी कर्मचारियों के कारण काफी दबाव में था। नवजोत ने ज्यादा कुछ बताया नहीं लेकिन उसने इतना कहा था कि साथी कर्मचारी उसे परेशान करते हैं। इससे वह मानसिक रूप से काफी दबाव में है। प्राथमिक तौर पर जो पता चल रहा है उससे लगता है नवजोत ने आत्महत्या की है। अब जांच में ही मामले का खुलासा हो सकेगा।
आरोप- ज्यादातर गाड़ियों पर एक ही व्यक्ति
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर काफी संख्या में लोग पहुंच गए। इस दौरान कुछ कर्मचारियों ने बताया कि ज्यादातर डोर टु डोर कचरा लेने वाली गाड़ियों पर सिर्फ एक ही व्यक्ति है जबकि प्रत्येक गाड़ी पर दो व्यक्ति रखने की बात कही गई थी। एक व्यक्ति गाड़ी चलाता है और वही लोगों से कचरा इकट्ठा करके उसे ट्रॉली में एडजस्ट करता है। दो लोग होते हैं तो एक दूसरे का सहयोग मिलता रहता है। दो लोग होते तो शायद घटना के दौरान सहयोगी उसकी मदद कर सकता था।
यह हो सकती हैं हादसे की वजह
- हाइड्रोलिक फेल होने से अचानक नीचे आ सकता है
- हाइड्रोलिक को चेक करते समय गाड़ी बंद होने पर हादसा हो सकता है
- परिजन जता रहे मानसिक रूप से परेशान होने की आशंका
- हाइड्रोलिक को ठीक करते समय अचानक झटका लगा और वह नीचे आ गया, तब तक निकलने का समय न मिला हो
पिछले मृतक को भी अभी तक नहीं मिला इंसाफ
बीते 28 मई को घरों से कचरा उठाने वाली गाड़ी के चालक सुदेश कुमार की हाइड्रोलिक ट्रॉली के नीचे दबने से मौत हो गई थी। इस संबंध में मेयर सरबजीत कौर ने मौके पर पहुंचकर मृतक आश्रित को नौकरी और मुआवजा देने की बात कही थी। दो माह बीतने के बाद जब मृतक आश्रित को कोई मुआवजा नहीं मिला तो डोर टू डोर गारबजे उठाने वाले कर्मचारियों ने लगभग सवा लाख रुपये इकट्ठा करके कर्मचारी के परिवार को दिया था। चार माह बीतने को है आज तक मृतक के परिवार को कोई राहत नहीं मिली है।
29 सितंबर को कराना था बीमा, उससे पहले हुआ हादसा
29 सितंबर को नगर निगम एक बड़ा आयोजन करने जा रहा है जिसमें निगम के नियमित, आउटसोर्स, डेलीवेज, अनुबंधित सहित सभी कर्मचारियों का बीमा कराने का एलान करने वाला था। इस कार्यक्रम में प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को बुलाने की भी योजना है लेकिन बीमा होने से पहले ही कर्मचारी की मौत हो गई। यह प्रक्रिया मई माह की घटना के बाद ही करने का एलान किया गया था।