हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पलटा सिंगल बैंच का फैसला
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हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पलटा सिंगल बैंच का फैसला

हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पलटा सिंगल बैंच का फैसला

हाईकोर्ट की डबल बैंच ने पलटा सिंगल बैंच का फैसला

हरियाणा के अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजों को नौकरी देने पर रोक
डबल बैंच के फैसले से सिंगल बैंच का फैसला समाप्त

चंडीगढ़। हरियाणा के दो अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजों को नौकरी दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सिंगल बैंच के फैसले को पलट दिया है। अब निशानेबाजों नौकरी नहीं मिलेगी। 
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने हरियाणा सरकार को खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज अंकुर मित्तल और अभिषेक वर्मा को हरियाणा सिविल सेवा या हरियाणा पुलिस सेवा (एचसीएस या एचपीएस) की नियुक्ति देने निर्देश दिया था। 
दोनों खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं। दोनों निशानेबाजों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था। 2018 के नियमों के तहत वह एचसीएस-एचपीएस पद के लिए हकदार थे। 
इस मामले में सिंगल बेंच के इस आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार सरकार ने डिविजन बेंच में अपील दायर कर इस आदेश को चुनौती दी। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित डिविजन बेंच ने शुक्रवार को सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए एकल बेंच के आदेश पर रोक लगाते हुए सभी पक्षों से जवाब तलब किया है। 
सिंगल बेंच ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज अंकुर मित्तल और अभिषेक वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए अप्रैल माह में दोनों को 2018 की नीति के तहत एचसीएस या एचपीएस पद पर नियुक्त करने पर विचार करने का आदेश दिया था। सिंगल बेंच ने अपने आदेश में टिप्पणी करते हुए कहा था कि देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंच पर गर्व के साथ राष्ट्रीय तिरंगा झंडा फहराया जाता है और राष्ट्रगान बजता है। उनके साथ देश में ऐसा व्यवहार किया जाता है तो स्वाभाविक रूप से यह उन्हें पूरी तरह से निराश कर देगा।
इस मामले में एक याची अंकुर मित्तल के दावे को सरकार ने 29 नवंबर को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी जबकि मित्तल ने कोरिया में आयोजित 52वीं आईएसएसएफ चैंपियनशिप, 2018 के दौरान डबल ट्रैप मेन (व्यक्तिगत) में स्वर्ण पदक जीता।
याचिकाकर्ता अभिषेक वर्मा की भी एचसीएस-एचपीएस में नियुक्त के दावे को सरकार ने खारिज कर दिया था। हालांकि राज्य ने एशियाई खेलों-2018 में उनके कांस्य पदक के आधार पर ग्रुप बी पद की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। अब हाईकोर्ट की डबल बैंच ने प्रदेश सरकार की याचिका पर सिंगल बैंच के फैसले को बदल दिया है। इस मामले में डबल बैंच ने सभी पक्षों से जवाब तलब किया है।