दून की पटका राजनीति बन गई जनता के गले की फांस
Politics Became Public's Throat
- अब पार्टी के नेताओं के साथ फोटो खिचवाने से भी डरने लगे मतदाता
- सोशल मीडिया पर हाईवोल्टेज ड्रामा
बद्दी। (संजीव कौशल): प्रदेश में चुनावी दंगल के चलते जहां सर्द फिजाओं में सियासी हवाएं पूरी रफ्तार में हैं वहीं कुर्सी की जंग के लिए प्रत्याशी चुनाव मैदान में दिन रात पसीना बहा रहे हैं। चुनावी दंगल में प्रत्याशियों के साथ साथ कार्यकर्ताओं का हौसला भी सातवें आसमान में है। कार्यकर्ता अपनी अपनी पार्टी के प्रत्याशी की जीत को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव मैदान के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी पूरा जोर लगा रहे हैं। चुनावी संग्राम के बीच प्रदेश के हाईप्रोफाईल विधानसभा क्षेत्र दून में इन दिनों शुरू हुई पटका राजनीति मतदाताओं के लिए सिरदर्द बन गई है। रोजाना भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल करने की मानो दून विधानसभा क्षेत्र में होड़ मच गई है। दून विस क्षेत्र में यह आया गया की राजनीति का सोशल मीडिया पर चल रहा हाईबोल्टेज ड्रामा जनता के लिए सिरदर्द बन गया है। हैरानी तो इस बात की है कि इस छोड़ो पकड़ों की राजनीति में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ साथ राजनीतिक दलों के प्रत्याशी भी पीछे नहीं है।
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यहां आलम यह हो गया है कि अब तो लोग किसी पार्टी के कार्यकर्ता व नेता के साथ फोटो खिचवाने से भी डरने लगे हैं। पार्टी के नेता व कार्यकर्ता फील्ड में पंचायत के किसी वरिष्ठ व्यक्ति के गले में पार्टी का पटका डालकर फोटो खिचवाने का आग्रह करते हैं। कुछ देर बाद गु्रप फोटो फेसबुक पर इस पोस्ट के साथ शेयर कर दी जाती है कि उक्त व्यक्ति ने पार्टी ज्वाईन कर ली। कुछ देर बाद वह व्यक्ति फेसबुक पर लाईव आता है और पार्टी को ज्वाईन करने की पोस्ट का खंडन कर देता है। सफाई दी जाती है कि मैंने तो शिष्टाचार फोटो खिचवाया था कोई पार्टी ज्वाईन नहीं की। दून विस क्षेत्र में यह पटका राजनीति का हाईबोल्टेज ड्रामा चर्चा का विषय बना हुआ है। अगर कोई मतदाता किसी पार्टी के नेता या कार्यकर्ता के साथ फोटो खिचवाता है तो दूसरी पार्टी चंद घंटों में उसके पास पहुंच जाती है और अपनी पार्टी का पटका उसके गले में डाल दिया जाता है। पिछले कुछ दिनों से दून विस क्षेत्र में विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने की होड़ सी मची है। सोशल मीडिया पर मची इस होड़ के चलते अब मतदाता किसी पार्टी के नेता के साथ फोटों खिचवानें से भी डरने लगे हैं। वहीं सोशल मीडिया पर चल रहा यह पटका राजनीति का हाईवोल्टेज ड्रामा जहां खासी चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं राजनीति के एक गिरते स्तर को भी ब्यान कर रहा है।
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