अधिकारों की आड़ में आम लोगों को परेशान न करो - मुख्यमंत्री द्वारा प्रदर्शनकारी यूनियनों से अपील
CM Appeals to Protesting Unions
ऐसी यूनियनों का ग़ैर-संजीदा और ग़ैर-जिम्मेदाराना रवैया अनुचित बताया
राज्य सरकार किसानों की माँगों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील - मुख्यमंत्री
बीते 7 महीनों में राज्य सरकार की तरफ से किसान हितैषी पहलकदमियां गिनाईं
चंडीगढ़, 18 नवंबरः CM Appeals to Protesting Unions: राज्य में प्रदर्शनकारी जत्थेबंदियों(protest gangs) को अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के मौके पर आम लोगों के लिए किसी तरह की मुसीबत खड़ी न करने की अपील करते हुये मुख्यमंत्री भगवंत मान(Chief Minister Bhagwant Mann) ने कहा कि अधिकारों की आड़ में आम लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
आज यहाँ पंजाब सिवल सचिवालय(civil secretariat) में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर सड़कें रोकने से आम लोगों को हो रही परेशानी के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने सख़्त शब्दों में कहा कि चाहे प्रदर्शन करना हर नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है परन्तु इन यूनियनों को आम लोगों ख़ास कर बीमार लोगों की दुख-तकलीफ़ का भी एहसास होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि राज्य में कुछेक जत्थेबंदियों की तरफ से सड़कें रोकने और आम लोगों के लिए मुसीबतें खड़ी करने का ‘रिवाज़’ सा बन गया है। भगवंत मान ने कहा कि समाज के प्रति इस ग़ैर-संजीदा और ग़ैर-जिम्मेदाराना रवैये को जायज नहीं ठहराया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ग के लिए उनके दरवाज़े बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं और इसी संदर्भ में उन्होंने किसानों के साथ भी विस्तृत मीटिंगें करके उनकी माँगें स्वीकृत भी की। परन्तु इसके बावजूद कुछ जत्थेबंदियाँ अपने हक के नाम तले लोगों को तंग-परेशान कर रही हैं जोकि पूरी तरह अनुचित है।
पिछले 7 महीनों के कार्यकाल के दौरान आम आदमी की सरकार की तरफ से किसानों की भलाई के लिए उठाये कदमों का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने बताया कि पहली बार हुआ कि राज्य में गन्ना उत्पादकों का समूचा बकाया अदा किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गन्ने का भाव 360 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ा कर 380 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है जो समूचे भारत में से सबसे अधिक भाव है। उन्होंने कहा कि पिड़ायी सीजन के अंतर्गत 20 नवंबर से चीनी मिलों को गन्ने की पिड़ायी शुरू करने और समय पर फ़सल की अदायगी करने के आदेश दिए जा चुके हैं।
धान के सीजन के मौके पर निर्विघ्न बिजली सप्लाई
धान के सीजन के मौके पर निर्विघ्न बिजली सप्लाई का ज़िक्र करते हुए भगवंत मान ने कहा कि राज्य में पहली बार हुआ कि धान के सीजन के दौरान बिजली की समस्या की एक भी शिकायत सामने नहीं आई जो सरकार की तरफ से किये पुख़्ता प्रबंधों को दर्शाता है। उन्होंने आगे बताया कि धान की खरीद ने भी इस बार नया रिकार्ड कायम किया है क्योंकि किसानों को मंडियों में किसी किस्म की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और फ़सल बेचने वाले किसानों को समय पर अदायगी की गई।
भूजल के गिर रहे स्तर से चिंतित होकर धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों को उत्साहित करने के लिए पहली बार ऐलानी राशि का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने सीधी बुवाई अपनाने वाले किसानों को 1500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब के साथ राशि दी और 29335 किसानों के खातों में 24.83 करोड़ रुपए ट्रांसफर किये जा चुके हैं।
फ़सली विभिन्नता को बड़े स्तर पर उत्साहित
भगवंत मान ने आगे बताया कि राज्य सरकार फ़सली विभिन्नता को बड़े स्तर पर उत्साहित कर रही है जिसके अंतर्गत पहली बार मूँगी की फ़सल न्यूनतम समर्थन मूल्य 7275 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदने का फ़ैसला किया था। इस फ़ैसले के प्रति किसानों ने उत्साह दिखाते हुए इस बार 1.25 एकड़ क्षेत्रफल में मूँगी फ़सल बीजी जबकि बीते साल 50,000 एकड़ क्षेत्रफल इसकी काश्त अधीन था। उन्होंने बताया कि खरीद एजेंसी मार्कफैड्ड ने समर्थन मूल्य पर 5757 क्विंटल मूँगी ख़रीदी थी और फ़सल बेचने वाले किसानों को 40 करोड़ रुपए अदा किये जा चुके हैं जिससे 3457 किसानों को लाभ मिला। इसी तरह समर्थन मूल्य से कम कीमत पर मूँगी बेचने वाले किसानों को घाटे की भरपायी के लिए 26.06 करोड़ रुपए अदा किये जा चुके हैं जिससे 20154 किसानों को लाभ पहुँचा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों के वारिसों की सहायता के लिए 624 परिवारों को 5-5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है और इन परिवारों में से 326 किसानों के वारिसों को सरकारी नौकरी भी मुहैया करवाई जा चुकी है और बाकी किसानों के केस भी विचाराधीन है जिनको अपेक्षित प्रक्रिया मुकम्मल होने से तुरंत बाद नौकरियां दे दीं जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुदरती आपदा से फसलों का ख़राब हो जाना किसानों के लिए बहुत संकटकालीन समय होता है परन्तु उनकी सरकार ने पिछले 7 महीनों में प्रभावित किसानों को 80 करोड़ रुपए मुआवज़े के तौर पर अदा कर दिए हैं।
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