जेल में बंद 'गुरु': मेडिकल चेकअप के बाद सिद्धू को डॉक्टरों की सलाह जारी, फटाफट यह काम शुरू करने को कहा गया
Navjot Singh Sidhu
Navjot Singh Sidhu : पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला जेल में बंद हैं| करीब 34 साल पुराने एक रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल की सजा सुनाई है| वहीं, जेल में बंद सिद्धू की सेहत सही नहीं चल रही है| सिद्धू जब पहले दिन जेल में बंद हुए तो उन्होंने खाना नहीं खाया| खराब सेहत का हवाला देते हुए उन्होंने खाने से इंकार कर दिया| इधर, बीते कल सिद्धू को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला जेल से राजिंदरा हॉस्पिटल ले जाया गया| जहां उनका मेडिकल चेकअप (Navjot Singh Sidhu Medical Checkup) हुआ| और अब मेडिकल चेकअप के बाद सिद्धू को डॉक्टरों की ओर से खास सलाह (Doctors adviced to Navjot Singh Sidhu) जारी की गई है|
गुरु को क्या सलाह मिली....
बताते हैं कि, सिद्धू पहले से ही कुछ बीमारियों से पीड़ित चल रहे हैं| उनकी दवाई चल रही है| उन्हें कुछ चीजों से परहेज बताया गया है| उनसे विशेष डाइट लेने को कहा गया है| डॉक्टरों ने सिद्धू को सलाह जारी करते हुए कहा है कि वह उबली हुई सब्जियां, सलाद, बाजरे की रोटी ही खाएं| इसके अलावा जूस का सेवन करें| वहीं, डॉक्टरों ने सिद्धू से वजन घटाने की बात भी कही है|
बतादें कि, नवजोत सिंह सिद्धू 20 मई से पटियाला जेल में बंद हैं| सिद्धू ने करीब 34 साल पुराने एक रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट से एक साल की सजा मिलने के बाद खुद को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था| जिसके बाद उन्हें पटियाला जेल में लाकर बंद कर दिया गया| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू को पटियाला जेल में बैरक नंबर 10 में रखा गया है|
अभी सरेंडर नहीं करना चाहते थे सिद्धू ....
हालांकि, सिद्धू अभी खुद को सरेंडर नहीं करना चाहते थे| सिद्धू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी कि उन्हें सरेंडर करने के लिए कुछ दिनों का समय दिया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू की इस याचिका को ठुकरा दिया| जिसके बाद सिद्धू के पास सरेंडर करने के अलावा और कोई रास्ता ही नहीं बचा| अगर सिद्धू खुद से सरेंडर करते तो फिर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती|
सश्रम कारावास की सजा है....
बतादें, सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है| सिद्धू को जेल में काम करना होगा| यह काम कोई कठोर भी हो सकता है| फिलहाल, VIP जिंदगी जीने वाले 'गुरु' सजा के सारे दिन जेल में कैसे काटेंगे वो तो अब वही जानें| सिद्धू स्वतंत्र रहने और स्वतंत्र बोलने वाले व्यक्ति रहे हैं| ऐसे में जेल की बंदिश में उनका 'घुटना' शायद लाजमी हो सकता है|
1988 का है रोडरेज मामला ....
बतादें कि, रोडरेज का यह पूरा मामला दिसंबर 1988 का है। जब पटियाला में सिद्धू की सड़क पर एक बुजुर्ग से झड़प हो गई थी| बताया जाता है कि इस झड़प में मारपीट हुई और जिसके बाद उस बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई| जहां, इस मामले में फिर पटियाला पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहले निचली अदालत में सुनवाई चली| जहां से सिद्धू बरी हो गए|
लेकिन जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। सजा के बाद सिद्धू को इस्तीफा देना पड़ा था| साथ ही सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी को कर दिया था लेकिन बाद में पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सिद्धू की मुश्किलें फिर बढ़ा दीं और अब नतीजा यह रहा कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुना दी|
रोडरेज किसे कहते हैं?
वैसे तो आप रोडरेज का मतलब जानते होंगे लेकिन अगर नहीं जानते तो हम आपको बता दे रहे हैं| दरअसल, सड़क पर आए दिन घटने वाली रोष घटनाओं को रोड रेज़ कहते है। लोग सड़क पर जब लड़ाई-झगड़े पर उतर आते हैं, मार-पीट करने लगते हैं| तब इसे रोड रेज़ कहते हैं।