Sankashti Chaturthi

Sankashti Chaturthi: संकष्टी चतुर्थी पर करें यह उपायमुश्किलों से मिलेगा छुटकारा, देखें क्या है उपाय

Ganesh20

Sankashti Chaturthi

Sankashti Chaturthi आज यानि पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जा रहा है। बता दें कि यह इस साल का अंतिम संकष्टी चतुर्थी व्रत है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन विधिवत भगवान गणेश की पूजा करने से और उपवास रखने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। मान्यता है की इस भगवान गणेश की पूजा और मंत्रोच्चारण करने से भक्तों को धन, ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। 

मान्यता के मुताबिक संकष्टी चतुर्थी Sankashti Chaturthi  का व्रत रखने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। जिन लोगों के घर में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं या जिनकी संतान का विवाह नहीं हो पा रहा है। उन्हें संकष्टी चतुर्थी का व्रत कर भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहिए। भगवान गणेश को शुभता का कारक माना जाता है। इसलिए कहते हैं कि उनका व्रत करने से घर-परिवार में शुभता का वास होता है। साथ ही जिन लोगों का व्यापार ठीक से नहीं चल रहा हो, वो लोग भी इस दिन व्रत रखकर गणेश जी को 4 बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं। ऐसा करने से व्यापार में तरक्की होने लगेगी।

संकष्टी चतुर्थी मंत्र 
1- गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम।
उमासुतं शोक विनाशकारकम, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम।।
2- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
3- ऊँ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।

श्री गणेश जी का गायत्री मंत्र
ऊँ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात।
धन-संपत्ति प्राप्ति के लिए मंत्र
ऊँ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

र्विघ्न हरण का मंत्र
वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा॥
बाधांए दूर करने का मंत्र
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ंा।

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि 
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। साफ कपड़े पहन कर भगवान गणेश का ध्यान करें। पूजा घर साफ करें, गंगाजल छिड़कें। चौकी पर पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाएं। इस पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं। भगवान को जल और फूल अर्पित करें। रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाएं। लाल रंग के फूल, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग और इलायची अर्पित करें। नारियल और मोदक का भोग लगाएं। भगवान गणेश की आरती करें।

 

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