Panchak :अगले 5 दिन बिल्कुल भी न करें ये काम, शुरू हो रहे हैं पंचक
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अगले 5 दिन बिल्कुल भी न करें ये काम
नई दिल्ली : हिंदू धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक काम को शुरू करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्यों में सफलता अवश्य ही प्राप्त होती है। इसी कारण अशुभ मुहूर्त में काम करने की मनाही होती है। पंचांग के अनुसार, हर मास में 5 दिन ऐसे होते है जिसमें कई तरह के शुभ और मांगलिक काम करने की मनाही होती है। इन 5 दिनों के मेल को पंचक कहा जाता है। जानिए साल 2023 के दूसरे माह यानी फरवरी माह में कब से शुरू हो रहे हैं पंचक और किन कामों को करने की है मनाही।
फरवरी 2023 में कब से कब तक पंचक?
पंचांग के अनुसार, 20 फरवरी को सुबह 1 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रहे है, जो 24 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 3 बजकर 44 मिनट पर समाप्त हो रहे हैं।
सोमवार के दिन शुरू होने के कारण इसे राज पंचक कहा जाएगा। इस दौरान सरकारी काम, संपत्ति से जुड़े काम करने में सफलता हासिल होगी। इसके साथ ही आर्थिक लाभ मिलने के पूरे आसार होते हैं।
पंचक क्या है?
पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहा जाता है। 27 नक्षत्रों में से 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें दूषित माना जाता है। इन्हीं को पंचक कहा जाता है। ये नक्षत्र है - धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, शतभिषा और रेवती नक्षत्र। धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण के आरंभ से होकर रेवती नक्षत्र के अंतिम चरण तक पंचक रहता है।
राज पंचक के दौरान क्या न करें काम
- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है। अगर आपको इस दिशा में जाना ही पड़ रहा है, तो दही खाकर ही निकलें।
- पंचक के दौरान चारपाई नहीं बनाना चाहिए। माना जाता है कि पंचक के दौरान चारपाई बनाने से भविष्य में किसी बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
- पंचक के दौरान छत भी नहीं बनवानी जाती है। मान्यता है कि पंचक के दौरान छच बनाने से वहीं रहने वाले लोगों के बीच तकरार बनी रहती हैं। इसके साथ ही धन हानि होती है।
- पंचक के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र है, तो लकड़ी संबंधी कुछ कामों की मनाही होती है। पंचक के दौरान घास, लकड़ी इकट्ठा करने और जलाने की मनाही होती है।
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