Disproportionate assets case

विजीलैंस ब्यूरो ने कार्यकारी अधिकारी गिरिश वर्मा की आय से अधिक संपत्ति बनाने में मदद करने वाले दोषी आशु गोयल को किया गिरफ़्तार

Vigilance Bureau action

Disproportionate assets case

Disproportionate assets case- पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने निलंबित कार्यकारी अधिकारी (ई. ओ.), ज़ीरकपुर, गिरिश वर्मा के एक साथी कॉलोनाईजर आशु गोयल को गिरफ़्तार किया है जो उसे आय के ज्ञात स्रोतों की अपेक्षा अधिक संपत्ति बनाने में मदद करने और नाजायज पैसे को निवेश कराने का दोषी है।

आज यहाँ यह खुलासा करते हुए विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि विजीलैंस जांच के बाद भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1) (बी) और आइपीसी की 120-बी के अंतर्गत एक केस विजीलैंस ब्यूरो के पुलिस थाना फ्लाइंग स्क्वायड-1 पंजाब, मोहाली में गिरिश वर्मा, उसकी पत्नी संगीता शर्मा और उसके पुत्र विकास वर्मा के खि़लाफ़ दर्ज किया गया था। इस केस में ब्यूरो ने उपरोक्त मुलजिम विकास वर्मा के कुराली निवासी जानकार आशु गोयल और गौरव गुप्ता, नामक दो साथियों को भी नामज़द किया है, जो उक्त ई. ओ. को ग़ैर कानूनी तौर पर कमाया हुआ पैसा जायदादों में निवेश करने में मदद करते थे।

और विवरण देते हुए उन्होंने आगे बताया कि उपरोक्त मुलजिम आशु गोयल, गौरव गुप्ता और विकास वर्मा ने दो फर्मों, मैसर्ज बाला जी इन्फ्रा बिल्डटेक, खरड़ और मैसर्ज बाला जी डिवैलपर कुराली की स्थापना की। उन्होंने दोनों फर्मों के अधीन कॉलोनियां विकसित की और ईओ गिरिश वर्मा ने अपने पुत्र के द्वारा इन फर्मों में ग़ैर कानूनी तौर पर कमाया हुआ नाजायज पैसा सही दिखाने (व्हाइट मनी) के लिए निवेश किया। उन्होंने बताया कि मोहाली अदालत ने उपरोक्त गिरफ़्तार मुलजिम आशु गोयल को तीन दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की और जांच चल रही है और इस मामले में अन्य शक्की व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जायेगी।

 

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