OMG, चंडीगढ़ में शर्मनाक घटना: इस अस्पताल में महिला मरीज के साथ कर्मी ने की गंदी हरकत, करने लगा यह काम
Dirty act with female patient in civil hospital in Chandigarh
Chandigarh News : सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ से ऐसा भी मामला सामने आएगा, मालूम न था| बरहाल, इस मामले ने चंडीगढ़ को बेहद शर्मसार कर दिया है| यहां ऐसी जगह पर 'वहशत' पनपी है, जहां लोगों को जिंदगी मिलती है, वहशत का शिकार हुईं बच्चियों-महिलाओं को इलाज मिलता है और यहां पर ही यह सब.... हद है| बतादें कि, चंडीगढ़ के मनीमाजरा स्थित सिविल अस्पताल के एक कर्मचारी (वार्ड सर्वेंट) ने एक महिला मरीज के साथ गंदी हरकत की है| गंदी-गंदी बातें कहीं हैं| पीड़ित महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है|
ईसीजी के दौरान महिला हुई 'वहशत' की शिकार ....
दरअसल, यह शर्मनाक घटना 23 मई शाम की बताई जाती है| महिला मरीज सिविल अस्पताल में ईसीजी कराने पहुंची थी| जहां ईसीजी प्रक्रिया के दौरान कर्मचारी (वार्ड सर्वेंट) महिला को गलत-गंदे तरीके से छूने लगा और उससे गलत-गंदी बातें भी कहीं| इस दौरान महिला काफी घबरा गई और यहां से निकलने के बाद उसने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई|
तीन डॉक्टरों की समिति ने की जांच ....
इधर, इस प्रकार की शिकायत मिलने के बाद सिविल अस्पताल सहित चंडीगढ़ के पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया| मामले को लेकर तीन डॉक्टरों की एक जांच समिति ने जांच शुरू की| जहां जांच में कर्मचारी (वार्ड सर्वेंट) पर आरोप सही पाए गए| जांच में यह पाया गया कि ईसीजी की प्रक्रिया के दौरान उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया|
सस्पेंड किया गया ....
फिलहाल, जांच में आरोपी पाए जाने के बाद जीएमएसएच-16 के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा कर्मचारी (वार्ड सर्वेंट) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही शिकायत व प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मनीमाजरा थाना के एसएचओ को आगे की जांच और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई के लिए भेज दी गई है|
चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव ने कही यह बात ....
वहीं, चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिव आईएएस यशपाल गर्ग भी इस पूरे मामले को लेकर काफी सजग नजर आये| स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग का कहना है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है ताकि आगे से कोई भी ऐसा कदम न उठाये| स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि चंडीगढ़ में मरीजों की बेहतर देखभाल स्वास्थ्य विभाग का मुख्य उद्देश्य है। स्वास्थ्य विभाग के लिए स्टाफ और मरीजों दोनों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है।