जिन पत्थरों को 'देवता' माना, वो डायनासोर के अंडे निकले; लोग सालों से कर रहे थे पूजा, वैज्ञानिक भी हो रहे हैरान
Dinosaur Eggs Found in Madhya Pradesh Dhar District Who Worshiped As Devta
Dinosaur Eggs in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश से अजीब मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एमपी के धार जिले में स्थित पाड़लिया गांव में लोग सालों से जिन पत्थरों को देवता समझकर पूजते आ रहे थे। वो तो डायनासोर के अंडे निकले। बताया जा रहा है कि, पत्थर में तब्दील डायनासोर के ये अंडे करोड़ों वर्ष पहले के हैं। माना जा रहा है कि, नर्मदा घाटी का यह इलाका करोड़ों वर्ष पहले डायनासोर युग से जुड़ा रहा होगा और यहां पर पहले डायनासोर का क्षेत्र हुआ करता होगा। फिलहाल संबन्धित विशेषज्ञ जांच-पड़ताल कर रहे हैं। डायनासोर के अंडे माने जा रहे पत्थरों को संरक्षित किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय डायनासोर विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले तीन वैज्ञानिकों का वर्कशॉप आयोजित किया गया था। इस वर्कशॉप में वैज्ञानिक डॉ. महेश ठक्कर, डॉ. विवेक वी कपूर, डॉ. शिल्पा आए हुए थे। ये सभी मांडू स्थित डायनासोर फॉसिल्स पार्क के विकास कार्य का जायजा लेने के लिए भी आए थे। जहां इसी दौरान वैज्ञानिकों ने देखा कि गांव के लोग करीब 18 सेंटीमीटर व्यास के गोल पत्थरों की पूजा करते हैं। वैज्ञानिकों ने जब पूछताक्ष की तो गांव के एक निवासी ने बताया कि, इन गोल पत्थरों में उनके काकर भैरव देव वास करते हैं। यह देव पूरे गांव पर कोई संकट नहीं आने देते।
इधर वैज्ञानिकों की टीम ने जब जांच की तो पता चला कि गोल पत्थरनुमा आकृति के ये पत्थर, जिन्हें देवता माना जा रहा है वो डायनासोर के अंडे हैं। वैज्ञानिको का मानना है कि नर्मदा घाटी के क्षेत्र में डायनासोर के फॉसिल्स जगह जगह दबे-बिखरे पड़े हैं। मांडू में इसी उद्देश्य से पार्क बनाया जा रहा है ताकि फॉसिल्स को संरक्षित किया जा सके।