हरियाणा में एचसीएस के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल, 16 अधिकारियों की उत्तरपुस्तिका की जांच के लिए विजिलेंस ने मांगी मंजूरी

हरियाणा में एचसीएस के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल, 16 अधिकारियों की उत्तरपुस्तिका की जांच के लिए विजिलेंस ने मांगी मंजूरी

हरियाणा में एचसीएस के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल

हरियाणा में एचसीएस के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल, 16 अधिकारियों की उत्तरपुस्तिका की जांच के लिए विज

चण्डीगढ़(ब्यूरो): हरियाणा में कार्यरत 2002 बैच के एचसीएस अधिकारियों के लिए मुश्किल खड़ी होने वाली है, विजिलेंस ने इस भर्ती की धांधली की जांच के लिए 16 अधिकारियों की मूल उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए हाई कोर्ट से मंजूरी मांगी है, सभी उत्तर पुस्तिकाओं अभी हाई कोर्ट की कस्टडी में है। बुधवार को इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस अजय तिवारी व जस्टिस पंकज जैन की बेंच ने सभी पक्षों को 16 मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। राज्य सतर्कता ब्यूरो (एसवीबी) के डीएसपी द्वारा हाई कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया है कि राज्य सतर्कता ब्यूरो इस भर्ती में चयन में अनियमितताओं की जांच कर रहा है।मामले की उचित जांच के लिए, चयनित उम्मीदवारों की मूल उत्तर पुस्तिकाओं की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) मधुबन से जांच की जानी है जिसमें विभिन्न अनियमितताओं, विसंगतियों, ओवरराइटिंग, अंकों में कमी व वृद्धि, मूल्यांकन में अलग-अलग स्याही, उत्तर पुस्तिकाओं में उम्मीदवारों की लिखावट व कलम में अंतर या समानता का पता लगाने के लिए एफएसएल जांच जरूरी है। कोर्ट को बताया गया कि याचिका 2001 में आयोजित एचसीएस (कार्यकारी ) और संबद्ध सेवा परीक्षा की चयन प्रक्रिया अनियमितताओं के चलते 35 चयनित उम्मीदवारों की कुल 54 मूल उत्तर पुस्तिकाएं वर्तमान में हाई कोर्ट की कस्टडी में हैं। अब सतर्कता ब्यूरो चाहता है कि मूल उत्तर पुस्तिकाओं की फोरेंसिक जांच हो। इसके लिए उनको मूल उत्तर पुस्तिका दी जाए। 2002 में भर्ती को चुनौती दी थी वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक करण सिंह दलाल ने 2002 में इस भर्ती को चुनौती दी थी। यह मामला अभी भी हाई कोर्ट में विचाराधीन है जिसके चलते इन अधिकारियों की उत्तर पुस्तिकाएं हाई कोर्ट के रिकॉर्ड में पड़ी हैं। याचिका के अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री के करीबी विभिन्न राजनेताओं, नौकरशाहों के रिश्तेदारों और रिश्तेदारों को कथित तौर पर एचपीएससी द्वारा लगभग 67 एचसीएस ( कार्यकारी ) और संबद्ध सेवाओं के अधिकारियों का चयन किया गया था। मामला पिछले करीब दो दशक से हाई कोर्ट में लंबित है।