Devotees dance on Ram marriage: श्री राम कथा में राम विवाह पर झूमे श्रद्धालु
Devotees dance on Ram Marriage
Devotees dance on Ram Marriage: सनातन धर्म विकास मंच चंडीगढ़ द्वारा नवरात्रि एवं दशहरे के पावन पर्व के उपलक्ष्य में श्री राम कथा कथा व्यास भागवत गंगोत्री विभूषित, पूज्य श्री सुभाष शास्त्री द्वारा 4 अक्टूबर प्रतिदिन दोपहर 3:30 बजे से शाम 7 बजे तक केन्द्रीय विहार सोसायटी के सामने, सेक्टर 48-बी, चण्डीगढ़ में श्री राम कथा अपनी मधुर वाणी से कर रहे हैं आज श्रीराम कथा में कथावाचक आचार्या सुभाष शास्त्री जी महाराज ने भगवान श्री राम के विवाह की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।
श्री राम कथा के दौरान महाराज जी ने बताया कि मां सीता के पिता महाराज जनक ने यह प्रण लिया था कि भगवान शिव के धनुष पर जो भी प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसी व्यक्ति के साथ वह अपनी पुत्री अर्थात माता सीता का विवाह कराएंगे। जनक जी ने इसी कार्य के लिए स्वयंवर समारोह का आयोजन किया गया जिसमें तमाम राजाओं, राजकुमारों व योद्धाओं ने धनुष नहीं उठा पाए। जबकि भगवान श्री राम द्वारा धनुष को बड़ी ही सरलता से उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाई जिससे धनुष दो हिस्सों में बंट गया जिसे धनुष भंग भी कहा गया और इसी के साथ महाराज जनक के प्रण के अनुसार उनकी पुत्री सीता का भगवान राम से विवाह हुआ इस अवसर श्री राम कथा में राम विवाह पर उपस्थित सभी वार्ड के बच्चो सहित सभी श्रद्धालु झूमे
कथा व्यास ने बताया कि किस प्रकार भगवान राम ने धनुष को तोड़कर माता सीता से अपना नाता जोड़ा उसी प्रकार हमें भी अपनी माया मोह के बंधन को तोड़ते हुए भगवान की शरण लेनी चाहिए। मनुष्य संसार को असली समझता है वह इस संसार के चक्कर में भटकते रहते हैं और हाथ कुछ नहीं आता जबकि संतों के अनुसार संसार मिथ्या है और केवल ईश्वर का नाम और ईश्वर का सहारा ही सत्य है इसलिए भगवान की ही शरण में रहना चाहिए और उन्हीं पर अपनी सारी परेशानी छोड़ देनी चाहिए। कथा के अवसर पर सनातन धर्म विकास मंच के संरक्षक वार्ड 35 के पार्षद राजिंदर शर्मा और सनातन धर्म विकास मंच के आयोजक सदस्य बद्री प्रसाद, वी के बाली, रमेश कौल, प्रदीप भारद्वाज,संतोष भारद्वाज, एन के शाही, मोती लाल शर्मा , अमित गुप्ता, बिसंबर दास, समीर चाकू, राजीव शर्मा, वार्ड से एडवोकेट शिव कुमार शर्मा रिंकू सिन्हा,पूनम जैन,नागा देवी, पवन सिंह, के सी बंसल,सहित निवासियों ने कथा में उपस्थिति दी कथा उपरांत आरती कर प्रसाद वितरित किया गया