चेतावनी के बावजूद यूक्रेन ने क्रॉस की रेड लाइन

चेतावनी के बावजूद यूक्रेन ने क्रॉस की रेड लाइन, क्या अमेरिकी मिसाइल का उपयोग कर रूस को हड़का रहा है यूक्रेन?

यूक्रेनी सेना ने पुतिन द्वारा खींची रेड लाइन को पार करते हुए लंबी दूरी की मिसाइल से हमला कर दिया है।

 

Ukraine Russia war: रूस यूक्रेन युद्ध को आज 1000 दिन पूरे हो चुके हैं। 22 फरवरी से शुरू हुई इस जंग के बीच, मंगलवार को यूक्रेन ने कुछ ऐसा किया जिसके कारण रूस पूरी तरह से हड़क चुका है। खबरों की माने तो यूक्रेनी सेना ने पुतिन द्वारा खींची रेड लाइन को पार करते हुए लंबी दूरी की मिसाइल से हमला कर दिया है। इस रेड लाइन को लेकर यूक्रेन को रूस ने कई बार चेतावनी दी थी, और कहा था, कि यदि यह लाइन क्रॉस हुआ तो युद्ध भयंकर रूप ले लेगा।

 

यूक्रेन को मिला अमेरिका का साथ

 

दरअसल अमेरिका से जो बिडेन के द्वारा यूक्रेन को भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसी का फायदा उठाते हुए यूक्रेन ने पहली बार रूस के क्षेत्र में अमेरिका से मिली लंबी दूरी की मिसाइल का इस्तेमाल कर दिया। यहां तक की रूस द्वारा चेतावनी देने के बावजूद यूक्रेन की सेना ने रूसी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बॉर्डर एरिया में अमेरिका से मिली ATACMS मिसाइल दाग दी, जिसकी पुष्टि रूस ने भी कर दी है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने फेसबुक के जरिए व अन्य सोशल मीडिया के जरिए इस बात की खबर दी है और कहां की यूक्रेन सैनिकों ने रात में ब्रॉस क्षेत्र में एक लक्ष्य पर 6 मिसाइल छोड़ दी। हालांकि यूक्रेन अपने मकसद में कुछ खास कामयाब नहीं रह पाया क्योंकि रूस के मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इनमें से पांच मिसाइल को मार गिराया और एक अन्य मिसाइल को क्षतिग्रस्त करने में कामयाब रहा।

 

बौखला गए पुतिन

यह हमला एक ऐसे समय में देखने को मिला जब पुतिन ने परमाणु सिद्धांत में बदलाव को मंजूरी दे दी है। रूस के न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े इस नियम के अनुसार अगर कोई देश किसी परमाणु शक्ति वाले देश के साथ मिलकर रूस पर मिसाइल हमला करता है, तो ऐसी स्थिति में रूस न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है। यही नहीं रूस ने न्यूक्लियर सिद्धांतों में हुए बदलाव के अनुसार रूस के खिलाफ किया गया हमला अगर किसी गठबंधन के सदस्य देश की ओर से होता है, तो मास्को इस आक्रमण को पूरे गठबंधन की ओर से किया गया हमला मानेगा। यानी अगर अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल रूस के खिलाफ होता है,तो रूस इसके लिए पूरे नाटो संबंध गठबंधन को जिम्मेदार मानेगा। अमेरिका के हथियारों को देख पुतिन बौखला चुके हैं और अब न्यूक्लियर हमले की धमकी भी दे रहे हैं।