सीजेएम कोर्ट श्रीगंगानगर ने फर्जी अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र बेचने से संबंधित मामले में नामित अदालत ने 22 निजी व्यक्तियों को दो वर्ष की कारावास की सजा सुनाई
Designated Court of CJM Court Sri Ganganagar
Designated Court of CJM Court Sri Ganganagar: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम), श्रीगंगानगर (राजस्थान) की अदालत ने फर्जी अंकतालिकाओं एवं प्रमाण पत्रों की बिक्री से संबंधित एक मामले में कश्मीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, मलकीत सिंह, गुरपाल सिंह, परमजीत सिंह, खुशविंदर सिंह, चंदर सिंह, कृष्ण कुमार बिश्नोई, बलदेव सिंह पुत्र श्री मोहर सिंह, गुरजिंदरपाल सिंह, पंकज चोपड़ा, हरगुरनाथ सिंह, मुकेश कुमार गर्ग, मंदीप सिंह, राजपाल सिंह, मनजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, हरविंदर सिंह, बलवीर सिंह, केवल सिंह, बलदेव सिंह पुत्र श्री जीत सिंह एवं जसमत सिंह सहित 22 निजी व्यक्तियों को दो वर्ष की कारावास के साथ जुर्माने की सजा सुनाई।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिनांक 30.09.1997 को इस मामले को अपने हाथों में लिया । एक शिकायत के आधार पर पूर्व में यह मामला श्रीगंगानगर जिले के सदर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी संख्या 301/1996 के तहत दर्ज किया गया था। यह आरोप था कि आरोपियों ने कथित तौर पर पंजाब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जाली/नकली अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र बेचकर शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी की।
सीबीआई ने 25 आरोपियों के विरुद्ध 21 अप्रैल, 1999 को आरोप पत्र दायर किया तथा आरोपियों के विरुद्ध औपचारिक रूप से 2003 को आरोप तय किए गए।
सुनवाई पूरी होने के पश्चात, अदालत ने 22 आरोपियों को दोषी ठहराया एवं उन्हें तदनुसार सजा सुनाई। दो आरोपियों के विरुद्ध उनकी मृत्यु के कारण विचारण रोक दिया गया जबकि एक आरोपी को नाबालिग होने के कारण अदालत ने बरी कर दिया।
सीबीआई टीम द्वारा गहन जांच एवं प्रभावी अभियोजन के फलस्वरूप यह दोषसिद्धि हुई, जिसमें विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, जिन्हें माननीय विचारण अदालत ने भी सही ठहराया।