डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री आस्ट्रिया में कर रहे रोपवे टैक्नोलॉजी का अध्ययन, हिमाचल में बनेगे अत्याधुनिक रोपवे
Studying Ropeway Technology
शिमला. Studying Ropeway Technology: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री आस्ट्रिया और स्विटजरलैंड (Austria and Switzerland) की तर्ज पर हिमाचल में रोपवे बनाने की तैयारी में हैं। जिसके लिए अग्निहोत्री अपने अधिकारियों के साथ आस्ट्रिया और स्विटजरलैंड के दौरे पर हैं। आस्ट्रिया को रोपे वे का हब माना जाता है। वहां पर रोपवे और टनल निर्माण (tunnel construction) की अत्याधुनिक तकनीकी विकसित (State-of-the-art technologically developed) की है। मुकेश अग्निहोत्री बताते हैं कि आस्ट्रिया का पूरा यातायात ढांचा रोपवे और टनल पर ही आधारित हैं। यहां पर अत्याधुनिक मशीनें तैयार की गईं हैं जिनके माध्यम से रोपवे बनाए जाते हैं। हिमाचल में भी रोपवे की संभावनाओं को देखते हुए मुकेश अग्निहोत्री पर्यटन और धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से रोपवे बनाने की योजनाओं पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने आस्ट्रिया में ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर हिमाचल में रोपवे के लिए केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए भी चर्चा की है। हिमाचल में पर्वतमाला योजना के तहत भी रोपवे के निर्माण किए जा सकते हैं। अग्निहोत्री ने बताया कि उन्होंने आस्ट्रिया में रोपवे बनाने वाली प्रमुख कंपनी लाइटनर, पोमा और एमएनडी के एमडी और सीईओ के साथ मीटिंग की है। हिमाचल आने के बाद जल्द ही रोपवे बनाने के कार्य तेजी से शुरु किए जाएंगे। अग्निहोत्री के अनुसार पहले चरण में शिमला रोपवे, बीड़ विलिंग, चिंतपूर्णी माता मंदिर और बिजली महादेव में रोपवे का निर्माण किया जाएगा।
रोपवे परिवहन के अध्ययन के लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के एक प्रतिनिधिमंडल यूरोप के ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड की सात दिनों की यात्रा पर है। प्रतिनिधिमंडल यूरोप के एल्पाइन क्षेत्र में इंटर एलपाइन शो में भाग ले रहा है।प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम तथा निदेशक रोपवे अजय शर्मा शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने इंटर एलपाइन का दौरा किया जहां विश्व के शीर्ष रोपवे निर्माता कंपनियों द्वारा हिमस्खलन नियंत्रण उपकरण, स्नो ग्रूमिंग मशीन इत्यादि में उपयोग की जा रही नवीनतम तकनीक और नवाचार को प्रदर्शित किया गया है।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियां यूरोप के एल्पाइन क्षेत्र के समान है, इसलिए इन तकनीकों को अपनाने की क्षमता का गहन अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने शिमला में 1543 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 15 किलोमीटर लंबी शहरी रोपवे परियोजना में नवीनतम और सबसे सुरक्षित तकनीक अपनाने पर बल देते हुए कहा कि इस परियोजना में 15 बोर्डिंग और डिबोर्डिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने परियोजना कार्य में शीघ्रता से कार्य करने पर जोर देते हुए सभी वैश्विक रोपवे निर्माताओं को वैश्विक निविदा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
इस दौरान ऑस्ट्रिया में मुकेश अग्निहोत्री व मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ने केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भी भेंट की।रोपवे की शीर्ष विश्व निर्माता कंपनियों ने उप मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल से भेंट की और उन्हें नवीनतम तकनीकों और राज्य के लिए उनकी उपयुक्तता से अवगत कराया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को अपनी तकनीक हस्तांतरित करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि इससे राज्य के शहरी, दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण अनुकूल समाधान प्रदान करते हुए हिमाचल को एक शीर्ष पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
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