Delhi Political Battle BJP Congress Face Challenges AAP Struggles to Repeat 2020 Success

दिल्ली में राजनीतिक संग्राम: BJP-कांग्रेस के लिए मुश्किलें, 'आप' को भी 2020 दोहराने की चुनौती!

Delhi Political Battle BJP Congress Face Challenges AAP Struggles to Repeat 2020 Success

Delhi Political Battle BJP Congress Face Challenges AAP Struggles to Repeat 2020 Success

नई दिल्ली, 20 जनवरी: Delhi Politics BJP Congress AAP in Tough Battle: दिल्ली की राजनीति में हमेशा से बदलाव देखने को मिले हैं। शुरुआती दौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सत्ता का आदान-प्रदान होता रहा। हालांकि, पिछले एक दशक में आम आदमी पार्टी (आप) ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। लेकिन, दिल्ली में कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जो इन प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए अब भी चुनौती बनी हुई हैं।

भाजपा के लिए मुश्किल भरी सीटें

भाजपा को दिल्ली की 19 सीटों पर लंबे समय से संघर्ष करना पड़ रहा है। इनमें से छह सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा कभी जीत हासिल नहीं कर सकी। इनमें सुल्तानपुर माजरा, मंगोलपुरी, बल्लीमारान, जंगपुरा, अंबेडकर नगर और पटपड़गंज जैसी सीटें शामिल हैं।
इसके अलावा, तिमारपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, पटेल नगर, मादीपुर और त्रिलोकपुरी जैसी सीटों पर भाजपा 1993 के बाद से जीत नहीं पाई है।

1993 में राम मंदिर लहर के कारण भाजपा ने दिल्ली में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन उस लहर के बाद इन सीटों पर पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता गया। अब, भाजपा ने व्यापारी समुदाय को साधने के लिए सांसद प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है। चांदनी चौक जैसी सीटों पर व्यापारी वर्ग के बीच उनकी सक्रियता बढ़ाई गई है।

कांग्रेस के लिए कमजोर किले

कांग्रेस के लिए भी दिल्ली की राजनीति आसान नहीं रही है। पिछले एक दशक में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी जीत नहीं पाया।
कांग्रेस की चुनौतियां तब और बढ़ गईं, जब उसके कोर वोटर माने जाने वाले मुस्लिम, अनुसूचित जाति और ब्राह्मण मतदाता पार्टी से दूर हो गए।
इसके अलावा, शालीमार बाग, मुंडका, किराड़ी, रिठाला, बुराड़ी, रोहिणी और मटिया महल जैसी सीटों पर कांग्रेस कभी भी जीत हासिल नहीं कर पाई है। इस बार कांग्रेस ने इन सीटों पर अपना पूरा जोर लगा दिया है।

आम आदमी पार्टी के सामने 2020 का प्रदर्शन दोहराने की चुनौती

2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज कर धमाकेदार एंट्री की थी। लेकिन 2020 के चुनाव में यह आंकड़ा घटकर 62 रह गया। अब, कांग्रेस के मुखर विरोध और भाजपा के आक्रामक प्रचार अभियान के बीच 'आप' को अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना कठिन लग रहा है।

आप के लिए चांदनी चौक, पटपड़गंज, और सीमापुरी जैसी सीटों पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा चुनौती बन सकती है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में मजबूत तैयारी शुरू कर दी है।

दिल्ली की राजनीति इस बार फिर से तीन प्रमुख दलों—भाजपा, कांग्रेस, और आप—के बीच कड़ी टक्कर की ओर बढ़ रही है। जहां भाजपा और कांग्रेस अपने पुराने प्रदर्शन को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं आप के लिए 2020 का प्रदर्शन बरकरार रखना बड़ी चुनौती होगी। आगामी विधानसभा चुनाव दिल्ली के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय करेंगे।