दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके; 3 दिन पहले नेपाल में मारे गए थे 150 से ज्यादा लोग, आज फिर वहीं केंद्र, तीव्रता जान लीजिए
Delhi-NCR Strong Earthquake Epicenter in Nepal Update
Delhi-NCR Strong Earthquake: भूकंप से एक बार फिर धरती हिल गई है। राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों समेत उत्तर भारत के कुछ अन्य हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके लगने के बाद लोग अपने घरों और दफ्तरों और विभिन्न इमारतों से बाहर की ओर निकल आए। बताया जाता है कि, झटके काफी समय तक महसूस किए जाते रहे।
वहीं नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) यानि राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान के अनुसार, सोमवार को चार बजकर सोलह मिनट के आसपास भूकंप आया। भूकंप का केंद्र नेपाल रहा है। जबकि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई है। फिलहाल, इस भूकंप से नेपाल ही ज्यादा प्रभावित हुआ है। मालूम रहे कि, अभी तीन दिन पहले ही नेपाल में भयानक भूकंप आया था। जिसका असर दिल्ली और यूपी के हिस्सों में भी देखा गया था। खासकर नेपाल से सटे यूपी के हिस्सो में उस भूकंप का ज्यादा असर हुआ था। इसके अलावा पिछले महीने में भी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।
नेपाल में मारे गए 150 से ज्यादा लोग
ध्यान रहे कि, तीन नवम्बर की रात को नेपाल के जजरकोट के नजदीक 6.4 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था। इस भूकंप ने मकान के मकान मिट्टी में मिला दिए। भूकंप के चलते 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। जिन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए एड्मिट कराया गया। अभी भी उनका इलाज चल रहा है।
2015 में नेपाल में मारे गए थे 9,000 लोग
नेपाल एक ऐसा देश है जो कि अक्सर भूकंप से प्रभावित होता रहता है। अब तक यह देश इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आकर अपना बहुत नुकसान कर चुका है। न जाने कितने लोग मारे जा चुके हैं, कितने घर उजड़ गए। इसके साथ ही जो सार्वजनिक नुकसान हुआ सो अलग। मालूम रहे कि, नेपाल में सबसे घातक भूकंप 2015 में आया था जब लगभग 9,000 लोग मारे गए थे।
क्यों आता है भूकंप?
बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।
भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।