जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल? CBI द्वारा गिरफ्तारी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, अंतरिम जमानत पर भी...
Delhi High Court Reserve Verdict on Arvind Kejriwal Challenge CBI Arrest
Arvind Kejriwal: दिल्ली शराब नीति घोटाले में 26 जून को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार होने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। केजरीवाल ने गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। साथ ही जमानत याचिका भी लगाई थी। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने आज बुधवार को केजरीवाल की CBI द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और जमानत याचिका पर सुनवाई की।
इस दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से मांग की कि अगर यह सुनवाई लंबी चलती है और इसमें देरी होती है तो केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा करना चाहिए। सिंघवी ने अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल किए जाने की बात कही।
फिलहाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका और अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि, फैसला लिखने के लिए समय की आवश्यकता होगी। वहीं हाईकोर्ट ने केजरीवाल की नियमित जमानत पर सुनवाई 29 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे तय कर दी है।
दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल पर क्या दलीलें चलीं?
दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल पर चली दलीलों में आज एक शब्द बड़ा चर्चा में रहा और इस पूरे मामले में यह शब्द पहली बार उपयोग किया गया। दरअसल, केजरीवाल की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, CBI द्वारा केजरीवाल गिरफ़्तारी को 'इंश्योरेंस अरेस्ट' के तौर पर देख सकते हैं। मतलब केजरीवाल की गिरफ्तारी यह सुनिश्चित करने के लिए की गई कि वह जेल से बाहर न आ सकें।
सिंघवी ने कहा कि, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी ED मामले में केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत दे दी है। इस जमानत के बाद आज वो बाहर होते, अगर सीबीआई इंश्योरेंस अरेस्ट नहीं करती। सिंघवी ने कहा कि, शराब घोटाले में ईडी द्वारा दर्ज PMLA के कठिन केस में निचली अदालत (ट्रायल कोर्ट) ने भी नियमित ज़मानत दे दी थी, जिस पर स्टे लगा दिया गया। जिससे भी केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पाए।
केजरीवाल की सुनवाई में इमरान खान का मामला
दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का मामला भी उछला। अभिषेक सिंघवी ने केजरीवाल मामले की तुलना इमरान खान से करते हुए कहा कि तीन दिन पहले हमने देखा पाकिस्तान में इमरान खान रिहा हुए, लेकिन फिर उन्हें दोबारा दूसरे केस में गिरफ़्तार कर लिया गया। मगर अपने देश में ऐसा नहीं हो सकता। हम गर्व से कह सकते हैं हम वैसा देश नहीं हैं।
अभिषेक सिंघवी ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल एक मुख्यमंत्री हैं कोई आतंकवादी नहीं हैं कि उनको जमानत ना मिले। वहीं सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को लेकर सिंघवी ने कहा कि, ये कोई पोस्ट ऑफिस सिस्टम नही है कि अरविंद की गिरफ्तारी को लेकर 25 जून को एक अर्जी दाखिल की गई और निचली अदालत ने केवल एक आधार पर गिरफ्तारी की इजाजत दे दी।
सिंघवी ने कहा कि, आर्टिकल 21 और 22 को इस मामले में अनदेखा किया गया। इस मामले में केवल एक आधार था कि वो जवाब नही दे रहे है। सीबीआई ने अपनी अर्जी में गिरफ्तारी का कोई पुष्ट आधार नही दिया। केवल कहा कि मुझे गिरफ्तार करना है। अभिषेक सिंघवी ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने आदेश में साफ कहा है कि इंटेरोगेशन गिरफ़्तारी का आधार नहीं हो सकता। जहां ऐसे में एक भी पुष्ट आधार नही बताए गए कि आखिर केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों की जा रही है।
वहीं अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में अरविंद केजरीवाल की ब्लड शुगर का मुद्दा भी उठाया। सिंघवी ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल की ब्लड शुगर 5 बार सोते हुए 50 के नीचे जा चुकी है। इस पर भी गौर किया जाना चाहिए। उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
CBI के चलते ही जेल से रिहा नहीं हो पाए केजरीवाल
ज्ञात रहे कि, 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ED द्वारा गिरफ्तारी की वैधता को लेकर दाखिल केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह याचिका बड़ी बेंच के पास भेज थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को दूसरी बार अंतरिम जमानत भी दे दी थी। लेकिन अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर नहीं आ पाए।
दरअसल, केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ ईडी द्वारा दर्ज केस में अंतरिम जमानत दी। लेकिन ईडी के साथ-साथ CBI ने भी केजरीवाल पर शराब घोटाले में केस दर्ज किया हुआ है। ईडी के बाद सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद वह ईडी के साथ-साथ सीबीआई के मामले में अभी 25 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में हैं।
अरविंद केजरीवाल को जब तक सीबीआई केस में राहत नहीं मिल जाती। तब तक वो जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। अगर केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे।
2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर हुए केजरीवाल
मालूम रहे कि, सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 10 मई को केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहली बार 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करने को कहा था। जेल से बाहर निकलने के बाद केजरीवाल ने जमकर चुनाव प्रचार किया। इस बीच केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की याचिका भी लगाई। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग वाली केजरीवाल की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार ने कहा था कि चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्य याचिका पर फैसला सुरक्षित है, सीएम को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी गई है, इसलिए जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई योग्य संबंध नहीं है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद केजरीवल ने दिल्ली राउज़ एवेन्यू कोर्ट का रुख किया और यहां से भी राहत न मिलने के बाद उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर करना पड़ा।
1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजे गए केजरीवाल
मालूम रहे कि, ईडी ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामला में सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च की रात उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने सीएम हाउस पहुंचकर छानबीन और लगभग दो घंटे तक केजरीवाल से पूछताक्ष की थी। वहीं गिरफ्तारी के बाद ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। जहां कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था। इसके बाद केजरीवाल की रिमांड दोबारा 1 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। वहीं 1 अप्रैल को कोर्ट ने केजरीवाल को पहली बार 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। इसके बाद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत लगातार बढ़ती गई।