जेल से बाहर आएंगे केजरीवाल? गिरफ्तारी के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, मामला सुनने 2 जजों की बेंच बैठेगी, फैसले पर सबकी नजर
Delhi CM Arvind Kejriwal in Supreme Court Liquor Policy Case News Update
Kejriwal in Supreme Court: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले को लेकर अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है। जिस पर आज सुनवाई होनी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच मामले में सुनवाई करेगी। अब देखना यह होगा कि दिल्ली हाईकोर्ट से झटका खाने वाले केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से राहत पा पाते हैं या नहीं।
हालांकि, आम आदमी पार्टी को पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को राहत जरूर मिलेगी। आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, हमें उम्मीद है कि देश की सर्वोच्च अदालत देश के लोकतंत्र और चुनाव को बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने के लिए बाहर आने देगी। सौरभ भारद्वाज का कहना है कि, ईडी ने केजरीवाल को शराब घोटाले जैसे झूठे केस में फंसाया है।
क्योंकि ये बात सिर्फ इत्तेफाक़ नहीं हो सकती कि जब देश में सबसे बड़ा चुनाव है। प्रधानमंत्री को चुनने का चुनाव हो रहा है, चुनाव आयोग द्वारा आचार-संहिता की घोषणा की जा चुकी है। ऐसे समय में देश की मुख्य, राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाता है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ED और CBI द्वारा इस मामले में पिछले 2 साल से जांच की जा रही है। उन्हें कुछ नहीं मिला है। उनके पास कोई ऐसा सबूत नहीं है जिसमें अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साक्ष्य हों।
केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है जवाब
केजरीवाल ने हलफनामे के जरिए सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना जवाब रखा है। 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए केजरीवाल ने कहा कि, शराब घोटाले के इस मामले में जांच एजेंसी ईडी ने कानूनी प्रक्रिया में क्रूरता दिखाई है और राजनीतिक इशारे पर एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को कुचलने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून का दुरुपयोग किया गया है।
केजरीवाल ने कहा कि, लोकसभा चुनाव कार्यक्रम के बीच और आदर्श आचार संहिता लगने के दौरान ईडी की गिरफ्तारी का तरीका और इसकी टाइमिंग केंद्रीय जांच एजेंसी की मनमानी ओर इशारा करती है। सुप्रीम कोर्ट के सामने अपने जवाब में केजरीवाल ने यह भी बताया कि जिन चार गवाहों के बयान से उनकी गिरफ्तारी की गई है। उन सबका संबंध बीजेपी से है।
केजरीवाल ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं, उन्हें सिर्फ बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि AAP को साउथ ग्रुप से रिश्वत मिली। आम आदमी पार्टी के पास कथित रिश्वत का एक भी रुपया नहीं आया और इस संबंध में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसे में गोवा चुनाव अभियान में इस रकम का इस्तेमाल किया जाना तो दूर की बात है।
केजरीवाल ने अपने जवाब में आगे कहा- 'स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव' के लिए सभी राजनीतिक दलों को एक जैसा अवसर उपलब्ध कराया जाना बेहद जरूरी है। ऐसे में उनकी अवैध गिरफ्तारी उचित नहीं है। इससे केंद्र में सत्तारूढ़ दल को मौजूदा चुनाव में 'अन्यायपूर्ण' बढ़त मिलेगी।
वहीं केजरीवाल ने कहा कि मैंने हमेशा जांच में सहयोग किया है। ईडी द्वारा भेजे गए सभी समन पर मैंने जवाब दिया है। इसके रिकॉर्ड चेक किए जा सकते हैं। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि उनकी याचिका को अनुमति मिलनी चाहिए और वह रिहाई पाने के हकदार हैं। उनकी गिरफ्तारी अवैध है।
इससे पहले 24 अप्रैल को ED ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल किया था। ED ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद केजरीवाल ने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया। 9 बार समन मिलने के बावजूद केजरीवाल पूछताछ से बच रहे थे। केजरीवाल ने इस मामले में अपने आचरण से जांच अधिकारी को यह विश्वास दिलाया कि वह शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी हैं।
साथ ही जांच अधिकारी के पास मौजूद चीजों ने भी यह साबित करने में मदद की है कि वे दोषी हैं। वहीं ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि, गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर लेने के बावजूद केजरीवाल का बर्ताव सहयोग देने का नहीं रहा। वह पूछताक्ष में सहयोग नहीं कर रहे थे और गोल-मोल जवाब दे रहे थे। केजरीवाल ने मोबाइल पासवर्ड भी नहीं बताए।
दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा तो SC पहुंचे केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले केजरीवाल ने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए केजरीवाल ने कहा था कि ईडी द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी अवैध है। लोकसभा चुनाव के प्रचार में शामिल होने से रोकने के लिए यह गिरफ्तारी की गई है। हालांकि, हाईकोर्ट ने केजरीवाल की यह याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- गिरफ्तारी अवैध नहीं
दरअसल, 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए अपने फैसले में कहा था कि शराब घोटाले (Liquor Policy Scam) में गिरफ्तारी वैध है। केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि केजरीवाल को गिरफ्तार करने के ईडी के पास पर्याप्त कारण थे। गिरफ्तारी के साथ-साथ हाईकोर्ट ने केजरीवाल की ईडी रिमांड को भी सही ठहराया था।
इधर गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। केजरीवाल की तरफ से 10 अप्रैल को अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी और उसी दिन जल्द सुनवाई की मांग की गई थी लेकिन उस दिन सुनवाई नहीं हो पाई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल की तारीख सुनवाई के लिए तय की थी।
1 अप्रैल से तिहाड़ जेल में बंद हैं केजरीवाल
मालूम रहे कि, ईडी ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामला में सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने सीएम हाउस पहुंचकर छानबीन और लगभग दो घंटे तक केजरीवाल से पूछताक्ष की थी। वहीं गिरफ्तारी के बाद ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। जहां कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था।
इसके बाद केजरीवाल की रिमांड दोबारा 1 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। वहीं 1 अप्रैल को कोर्ट ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। इसके बाद कोर्ट ने दूसरी बार 23 अप्रैल तक केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी थी। वहीं अब केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी गई है।