दिल्ली विधानसभा स्पीकर का 'संन्यास'; रामनिवास गोयल ने सक्रिय राजनीति छोड़ी, केजरीवाल को लेटर, BJP से भी विधायक रहे
Delhi Assembly Speaker Ram Niwas Goel Retires from Active Politics
AAP Ram Niwas Goel: दिल्ली विधानसभा स्पीकर और शाहदरा सीट से विधायक रामनिवास गोयल (76 साल) ने सक्रिय राजनीति से 'संन्यास' लेने का फैसला किया है। यानि रामनिवास गोयल अब चुनावी मैदान में नजर नहीं आएंगे। उन्होंने 'संन्यास' लेने के संबंध में आम आदमी पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल को लेटर लिखकर जानकारी दी है। रामनिवास गोयल ने बताया है कि, " वह बढ़ती उम्र के चलते चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। गोयल ने पार्टी और पार्टी के सभी विधायकों द्वारा दिये सम्मान का आभार जताया।
राम निवास गोयल ने लेटर में क्या-क्या लिखा?
दिल्ली विधानसभा स्पीकर राम निवास गोयल ने अरविंद केजरीवाल को लिखे लेटर में कहा, ''मैंने पिछले 10 वर्षों में लगातार दो बार शाहदरा सीट से विधायक और विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपना दायित्व निभाया है। आपने और पार्टी ने मुझे बहुत सम्मान दिया। जिसके लिए मैं सदा आभारी रहूंगा। पार्टी के सभी विधायकों ने भी मुझे बहुत सम्मान दिया है। इसके लिए मैं उन सबका भी आभार प्रकट करता हूं।
वहीं राम निवास गोयल ने आगे कहा कि, ''अब मैं आयु संबंधी कारणों से स्वयं को चुनावी राजनीति से अलग करना चाहता हूं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मैं आम आदमी पार्टी में रहकर तन-मन-धन से सेवा करता रहूंगा। आपके द्वारा जो भी दायित्म मुझे सौंपा जाएगा उसको निभाने का प्रयास करूंगा।' फिलहाल, राम निवास गोयल के इस फैसले को अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया है और दिल्ली के पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट किया है।
दिल्ली के पूर्व सीएम ने अरविंद केजरीवाल ने लिखा, ''रामनिवास गोयल जी का चुनावी राजनीति से अलग होने का निर्णय हम सभी के लिए एक भावुक क्षण है। उनके मार्गदर्शन ने वर्षों तक हमें सदन के अंदर और बाहर सही दिशा दिखाई है। अपनी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के चलते उन्होंने हाल ही में अभी कुछ दिन पहले ही चुनावी राजनीति से अलग होने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। उनके निर्णय का हम सम्मान करते हैं। गोयल साहब हमारे परिवार के अभिभावक थे, हैं और हमेशा रहेंगे। पार्टी को उनके अनुभव और सेवाओं की भविष्य में भी हमेशा जरूरत रहेगी।'
BJP से भी विधायक रहे रामनिवास गोयल
रामनिवास गोयल 2015 से लगातार आम आदमी पार्टी से शाहदरा सीट पर विधायक चुने गए। इस दौरान वह दिल्ली विधानसभा स्पीकर रहे। आपको बता दें कि, इससे पहले रामनिवास गोयल 1993 से 1998 तक शाहदरा सीट से विधायक रह चुके हैं। तब वह दिल्ली की पहली विधानसभा के विधायक बने थे। उन्होंने बीजेपी की टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। रामनिवास गोयल का संघ से भी जुड़ाव रहा है।
दिल्ली में 11 सीटों पर AAP के उम्मीदवारों का ऐलान
दिल्ली में अगले साल जनवरी-फरवरी में विधानसभा का चुनाव होना है। आम आदमी पार्टी 11 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। दिल्ली में छतरपुर विधानसभा सीट से ब्रह्म सिंह तंवर को टिकट मिला है। इसी प्रकार किराड़ी से अनिल झा, विश्वास नगर से दीपक सिंघला, रोहतास नगर से सरिता सिंह, लक्ष्मी नगर से BB त्यागी, बदरपुर से राम सिंह नेता जी, सीलमपुर से जुबैर चौधरी, सीमापुरी से वीर सिंह धींगान, घोंडा से गौरव शर्मा, करावल नगर से मनोज त्यागी और मटियाला से सुमेश शौकीन को टिकट दिया गया है।
AAP ने इन मौजूदा विधायकों के टिकट काटे
आम आदमी पार्टी ने अपने 3 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिये हैं। मटियाला से गुलाब सिंह यादव की जगह सुमेश शौकीन को टिकट मिला है। इसी प्रकार किराड़ी से ऋतुराज झा की जगह अनिल झा को टिकट दिया गया है। जबकि सीलमपुर से अब्दुल रहमान की जगह ज़ुबैर चौधरी को टिकट दिया गया है। वहीं बीजेपी-कांग्रेस से AAP में शामिल हुए 6 नेताओं को टिकट मिला है।
2020 के चुनाव में AAP को 62 सीटें
दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं। 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 सीटें हासिल हुईं थीं। इस तरह से आम आदमी पार्टी ने हैट्रिक मारते हुए लगातार तीसरी बार बहुमत के साथ दिल्ली में अपनी सरकार बनाई थी। इसी के साथ केजरीवाल दिल्ली के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि आम आदमी पार्टी को 2015 के मुकाबले में 5 सीटों का नुकसान हुआ। वहीं भारतीय जनता पार्टी को इतनी सीटों का फायदा हुआ था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) सिर्फ 8 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस का एक बार फिर सूपड़ा साफ हो गया था और वह कोई भी सीट नहीं जीत सकी थी।
2015 के चुनाव में AAP को 67 सीटें
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले 2013 में अपनी सरकार बनाई थी। लेकिन यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी और 49 दिनों में केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया। वहीं फिर 2015 में विधानसभा चुनाव हुआ। उस दौरान आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 70 में से 67 सीटें जीतीं और केजरीवाल ने फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वहीं इस चुनाव में BJP ने 3 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।