Delhi Assembly Elections Conclude, Exit Poll Results Awaited

दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न, जल्द आएंगे एग्जिट पोल के नतीजे!

Delhi Assembly Elections Conclude

Delhi Assembly Elections Conclude, Exit Poll Results Awaited

नई दिल्ली, 5 फरवरी: 70 सीटों पर हुआ मतदान, 5 बजे तक 57.70 प्रतिशत वोटिंग: दिल्ली विधानसभा चुनाव बुधवार को मतदान के साथ ही समाप्त हो गए। एक चरण में संपन्न हुए इन चुनावों में शाम 5 बजे तक 57.70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। अब सभी की नजरें एग्जिट पोल्स पर हैं, जिनके नतीजे जल्द जारी किए जाएंगे।

केजरीवाल, आतिशी, प्रवेश वर्मा जैसे दिग्गज मैदान में

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़े, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के संदीप दीक्षित और भाजपा के प्रवेश वर्मा से हुआ।
वहीं, मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना ने पिछली बार की तरह इस बार भी कालकाजी सीट से चुनाव लड़ा, जहां उनके सामने भाजपा के रमेश बिधूड़ी मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहे।

2015 में एग्जिट पोल्स और नतीजों में था बड़ा अंतर

दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनावों में किए गए एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को सीधा बहुमत मिलता दिखाया गया था, लेकिन किसी भी सर्वे में उसकी प्रचंड जीत का अनुमान नहीं था। पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, AAP को 45 सीटें, भाजपा को 24 सीटें और कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान था।
हालांकि, नतीजे इससे काफी अलग रहे। AAP ने 67 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया, जबकि भाजपा सिर्फ 3 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला।

2020 में एग्जिट पोल्स हुए सटीक साबित

दिल्ली में 2020 के विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल्स के अनुमान काफी हद तक सही साबित हुए। आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें, भाजपा ने 8 सीटें जीतीं और कांग्रेस फिर से शून्य पर रही। आठ सर्वे एजेंसियों द्वारा जारी एग्जिट पोल्स में AAP को बहुमत दिखाया गया था, जो नतीजों में सच साबित हुआ।
इनमें सबसे सटीक अनुमान 'एक्सिस माई इंडिया' ने लगाया था, जिसने AAP को 59-68 सीटों का अनुमान दिया था। वहीं, भाजपा को औसतन 15 सीटें मिलने का अनुमान था, लेकिन उसे 8 सीटें ही मिलीं।

क्या एग्जिट पोल्स इस बार भी सटीक साबित होंगे?

अब सभी राजनीतिक दलों और जनता की निगाहें एग्जिट पोल्स के नतीजों पर टिकी हैं। क्या इस बार भी सर्वे सही साबित होंगे, या नतीजे फिर से सबको चौंका देंगे? इसका जवाब 8 फरवरी को चुनावी नतीजों के साथ मिलेगा।