DC takes action against defaulter arms licensees

Chandigarh: डीसी ने डिफॉल्टर आर्म्स लाइसेंसधारकों पर की कार्रवाई

DC takes action against defaulter arms licensees

DC takes action against defaulter arms licensees

DC takes action against defaulter arms licensees- चंडीगढ़I चंडीगढ़ के उप आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने आर्म्स एक्ट, 1959 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत चंडीगढ़ में जारी किए गए आर्म्स लाइसेंसों की समीक्षा की। डिप्टी कमिश्नर ऑफिस की आर्म्स ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ के अधिकार क्षेत्र में अब तक 6100 से अधिक आर्म्स लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। 

डिप्टी कमिश्नर ने हथियार लाइसेंस की अवधि समाप्त होने से पहले उसे रिन्यू करवाने में होने वाली देरी के संबंध में समीक्षा की।  शस्त्र नियम, 2016 के नियम 24 के अनुसार शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन लाइसेंस की समाप्ति से कम से कम 60 दिन पहले किया जाना चाहिए तथा शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 21 (1) के अनुसार कोई भी लाइसेंसधारी लाइसेंस की समाप्ति अवधि के दौरान कोई भी शस्त्र नहीं रख सकता है तथा लाइसेंसधारी को ऐसे लाइसेंसधारी शस्त्र को तुरन्त नजदीकी पुलिस थाने या लाइसेंसधारी शस्त्र विक्रेता के पास जमा कराना अनिवार्य है।

उपायुक्त ने बताया कि शस्त्र लाइसेंसों की समीक्षा करने पर पाया गया है कि लगभग 2500 लाइसेंसधारियों ने शस्त्र लाइसेंस की समाप्ति के बाद भी शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवाया है। उपायुक्त के निर्देश पर शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण समय पर न करवाने पर शस्त्र लाइसेंस रद्द करने के नोटिस जारी किए जा रहे हैं।  नोटिस जारी कर दोषी शस्त्र लाइसेंसधारियों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे नोटिस जारी होने के 15 दिनों के भीतर लाइसेंसी शस्त्रों को नजदीकी पुलिस स्टेशन या लाइसेंसी शस्त्र विक्रेता के पास जमा कराएं तथा यह भी बताएं कि शस्त्र अधिनियम और नियमों के उल्लंघन के लिए शस्त्र लाइसेंस को रद्द या निरस्त क्यों न किया जाए।

बताया गया कि 700 ऐसे नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं तथा शेष नोटिस अगले दो सप्ताह में जारी कर दिए जाएंगे। विनय प्रताप सिंह ने कहा कि शस्त्र अधिनियम और नियमों के किसी भी उल्लंघन के प्रति शून्य सहनशीलता बरती जाएगी तथा दोषी शस्त्र लाइसेंसधारियों के शस्त्र लाइसेंस को निलंबित, निरस्त या निरस्त किया जाएगा तथा ऐसे चूककर्ताओं के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा भी चलाया जाएगा। शस्त्र अधिनियम, 1959 के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार यदि कोई शस्त्र लाइसेंसधारी समाप्ति अवधि के दौरान शस्त्र लाइसेंस को नजदीकी पुलिस स्टेशन या लाइसेंसी शस्त्र विक्रेता के पास जमा कराने में विफल रहता है तो न्यायालय द्वारा जुर्माना लगाने के साथ-साथ दो वर्ष से अधिक और पांच वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।