आम आदमी पार्टी द्वारा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के खतरनाक प्रयास सोशल मीडिया पर बुलबुले की तरह फट गए
आम आदमी पार्टी द्वारा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के खतरनाक प्रयास सोशल मीडिया पर बुलबुले की तरह फट गए
आम आदमी पार्टी पार्टी मूक गवाह क्यों ,जबकि केजरीवाल पंजाबी भाषा और सिख संस्कृति का अपमान करते हैंः सरदार हरचरन सिंह बैंस
चंडीगढ़/03फरवरी: शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाबियों को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण ’ के माध्यम से पंजाब को साम्प्रदायिकता की आग में जलाने के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी।
सरदार सुखबीर सिंह बादल के प्रमुख सलाहकार सरदार हरचरन सिंह बैंस ने कहा ‘‘ कांग्रेस और आप दोनो शांति और साम्प्रदायिक सदभाव और विकास को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे अकाली लहर के बढ़ते उछाल से हैरान रह गए हैं, क्योंकि मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, इसीलिए नए साम्प्रदायिक तत्व को शामिल करना उनके अभियान की बुनियाद रहा है। ‘‘ शिअद-बसपा गठंधन साम्प्रदायिक धु्रवीकरण के किसी भी प्रयास को सफल नही होने देगी’’।
आज दोपहर यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए स. बैंस ने कहा कि साम्प्रदायिक धु्रवीकरण की ओर इस झुकाव का कारण है कि ‘‘आपका सोशल मीडिया का बुलबुला अचानक से फट गया है। यह बुलबुला हजारों करोड़ रूपये में फेक न्यूज, फर्जी सर्वेक्षण आदि के जरिए बडे पैमाने पर प्रचार अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया था, लेकिन अब उन्हे अहसास हो गया है कि ये चालेें शिअद-बसपा के उभार को रोकने में कामयाब नही हो पाई हैं’’।
स. बैंस ने कहा कि आप और कांग्रेस ने महसूस कर लिया है कि वे पहले ही चुनाव हार चुके हैं , लेकिन इसने हिंदू-सिख साम्प्रदायिक कार्ड खेलने के लिए हताश होकर अंतिम पलों में सहारा लिया है।
यह कहते हुए कि पंजाबियों को विभाजित करने के प्रयासों को कभी सफल नही होने दिया जाएगा, स. बैंस ने कहा , ‘‘ पंजाब मानव-भाईचारें का दूसरा नाम है। जहां प्रमुख समुदाय हिंदू और सिख हमेशा मुसलमानों और ईसाइयों के साथ परस्पर प्रेम और विश्वास के साथ रहे हैं। कोई हमें बांट नही पाएगा’’।
स. बैंस ने आप नेता भगवंत मान पर सवालों की झड़ी लगा दी और उनसे सवाल किया पंजाबी संस्कृति , भाषा और महान गुरुओं की विरासत से संबंधित ‘‘ सभी भावनात्मक मुददों पर’’ मान ने गगनभेदी चुप्पी क्यों लगा रही है? केजरीवाल पंजाब में ‘‘मौका’’ मांग रहे हैं। फिर उन्होने दिल्ली में आप सरकार में पंजाबी भाषा, संस्कृति और सिखों के लिए दरवाजे बंद क्यों कर रखे हैं? क्यों आजादी के बाद भी दिल्ली में आप सरकार में कोई पंजाबी यां सिख मंत्री नही है, जहां पंजाब के बाद पंजाबी सबसे ज्यादा हैं? कनाडा में पंजाबी और सिख मंत्री हो सकते हैं लेकिन दिल्ली में नही, क्यों? केजरीवाल सरकार ने दिल्ली बोर्ड के सभी स्कूलों में पंजाबी भाषा को एक विषय के रूप में क्यों हटा दिया गया ? केजरीवाल ने दिल्ली में एक भी चेयरमैन, डॉयरेक्टर , यां एक भी अफसर तक पंजाबी नही बनाया ? न ही केजरीवाल का प्रिंसीपल सचिव, मुख्य सचिव , न ही सेहत सचिव , न ही होम सचिव , न ही फाइनेंस कोइ भी पंजाबी यां सिख है? क्यों। उन्होने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़े मार्शल स्पोर्टस को मान्यता देने पर रोक क्यो लगाई है जबकि भारत सरकार के बहुत से राज्यों में इसे मान्यता दी गई है।
स. बैंस ने कहा कि केजरीवाल जानबूझकर पंजाबी बोली को अपमानित करने के लिए दिल्ली में अतिसम्मानित पंजाबी अकैडमी का चेयरमैन एक ऐसे व्यक्ति को लगाया है जो न तो पंजाबी है तथा न ही उसे पंजाबी लिखनी , बोलनी यां समझ ही आतीहै। इस पद के लिए श्री सुरजीत पातर यां स्वर्गीय अमृता प्रीतम कद की शख्सियत को लगाया जाता है। पर जिसे लगाय है उसे पंजाबी नही आती तथा न ही वह पंजाबी ही है। यह सब कुछ देखकर ही भगंवत मान जी आप मुकदर्शक क्यों बने हुए हैं। पंजाबी बोली ने तो आपको इतना कुछ दिया है तथा उसके बदले में तुम गुरु साहिबान द्वारा बख्शी मां बोली को अपमानित होता देखकर खामोश क्यों हो ? क्या इन्होने आपका कलाकार वाला जमीर खरीद लिया है।
स. बैंस ने कहा कि भगवंत मान का बतौर पंजाबी के कलाकार सम्मान करते हैं, तथा वह उम्मीद करते हैं कि मान साहिब उनके सवालों का जवाब जरूर देंगें।