साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल ने पेटीएम रिफंड के नाम से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी शातिर को किया काबू।

साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल ने पेटीएम रिफंड के नाम से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी शातिर को किया काबू।

साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल ने पेटीएम रिफंड के नाम से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी शातिर को किया काबू।

साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल ने पेटीएम रिफंड के नाम से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी शातिर को किया काबू

रंजीत शम्मी चंडीगढ़। यूटी पुलिस के सीनियर सीनियर अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल लगातार भोलेभाले लोगों से ठगी करने वाले शांतिर आरोपियो  की धरपकड़ कर रहा है। साइबर सेल पुलिस ने एक बार फिर पेटीएम रिफंड के नाम से ठगी करने वाले आरोपी शातिर को गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी पहचान झारखंड के रहने वाले अलीमुद्दीन अंसारी के रूप में हुई है। पकड़े गए आरोपी को पुलिस ने जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक यूटी पुलिस के साइबर क्राईम इन्वेस्टिगेशन सेल को सूचना मिली थी कि डॉक्टर के साथ पेटीएम रिफंड के नाम से ठगी करने वाला झारखंड में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए चंडीगढ़ पुलिस के एसपी सिटी/ सीसीआईसी, के दिशा निर्देशों के चलते डीएसपी सीसीआईसी रश्मि शर्मा के सुपरविजन में एक टीम गठित की गई। टीम में  साइबर क्राइम इंस्पेक्टर हरिओम शर्मा और उनकी टीम में सूचना और टेक्निकल तकनीकी के जरिए आरोपी को 16 फरवरी हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामले का खुलासा किया। पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को तुरंत झारखंड जिला अदालत में पेश कर ट्रांजिट कस्टडी मैं लिया। और पकड़े गए शातिर से पुलिस ने पूछताछ की उसने अब तक कितने लोगों के साथ ठगी की है। पकड़े गए आरोपी को पुलिस ने 18 फरवरी को चंडीगढ़ की जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपी के खिलाफ 24 जनवरी 2020 को थाना 11 में धारा 420, 66सी, 66डी के तहत मामला दर्ज है। 

पकड़े गए आरोपी शातिर गूगल पर अपलोड किए गए फर्जी कस्टमर केयर नंबरों से बनाते थे लोगों को अपना शिकार।


पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी गूगल पर अपलोड किए गए फर्जी कस्टमर केयर नंबर को ठगने का अपना शिकार बनाते थे। और लोगों को ज्यादातर गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च किए तो वहां से धोखाधड़ी करने वालों के मोबाइल नंबर मिले। जिसके चलते वह लोगों को अपना शिकार बनाते थे। और साइबर फ्रॉड के शिकार लोग हो जाते हैं जो लोग धोखे बाजो के साथ विवरण साझा करते थे। जानकारी के मुताबिक साइबर क्राइम सेल ने इससे पहले भी लगातार शातिर आरोपियों की धर पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है। और साइबर सेल पुलिस का अभियान लगातार जारी है।


क्या था मामला।
जानकारी के मुताबिक डॉ विपुल अग्रवाल ने पुलिस को शिकायत ने बताया था कि वह अपने परिवार सहित रहता है। उसका एसबीआई बैंक में खाता है। 30 दिसंबर 2019 को शिकायतकर्ता को एक शातिर का फोन आया उसने पेटीएम से रिफंड की बात कही। पीड़ित शिकायतकर्ता को आरोपी ने झांसे में लेकर उसके मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा और शिकायतकर्ता से बैंक खाते का विवरण प्राप्त किया। कुछ सेकंड के बाद शिकायतकर्ता को एसबीआई की तरफ से मैसेज आया कि उसके खाते से 40 हज़ार रुपए की नगदी कट गई।