संगम में गंगा जल की शुद्धता को लेकर CPCB ने जारी किए रिपोर्ट, लेकिन रिपोर्ट है अधूरी

संगम में गंगा जल की शुद्धता को लेकर CPCB ने जारी किए रिपोर्ट, लेकिन रिपोर्ट है अधूरी

कुछ दिन पहले ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट तैयार किया था

 

Mahakumbha 2025: त्रिवेणी संगम में गंगाजल की शुद्धता को लेकर हाल ही में जारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट के अंशु को तीन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने गलत ढंग से प्रसारित करने का संदेह जताया है। उनका कहना है कि नाइट्रेट और फास्फेट जैसे तत्वों का रिपोर्ट में उल्लेख नहीं किया गया है। तो चलिए थोड़े विस्तार से जानते हैं कि सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट अधूरी छोड़ी है या नहीं और प्रोफेसर का क्या कहना है।

 

प्रोफेसर्स का क्या कहना है ?

 

सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ अमित कुमार मिश्रा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह और दक्षिण बिहार केंद्रीय विद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर आरके रंजन ने कहा है कि मौजूदा रिपोर्ट के आधार पर भी गंगाजल बिल्कुल क्षारीय है जो कि स्वस्थ जल निकाय का संकेत है। उन्होंने कहा कि जल में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा के आधार पर स्नान योग्य ही माना जाएगा पीने योग्य नहीं। प्रयागराज के गंगाजल में फिजिकल बैक्टीरिया के संदूषण संबंधी रिपोर्ट पर मिश्रा जी ने कहा कि हमें और अधिक डाटा जुटाने की आवश्यकता है। महाकुंभ में बहुत बड़ी संख्या में लोग स्नान कर रहे हैं अगर आप कोली फार्म बैक्टीरिया के बात कर रहे हैं तो यह कोई नई बात नहीं है।

 

क्या कहती है CPCB की रिपोर्ट

कुछ दिन पहले ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट तैयार किया था, जिसमें पानी में फिकर कोली फार्म के बढ़े हुए स्तर की बात कही गई है। वही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि सीपीसीबी की रिपोर्ट पर और काम करने की जरूरत है, क्योंकि उनके पास पूरा डाटा नहीं है। उनके अनुसार रिपोर्ट में नाइट्रेट और फास्फेट नहीं है वही रिपोर्ट के अनुसार पानी में घुली ऑक्सीजन का स्तर अच्छा है ऐसे में मौजूद डाटा के आधार पर या कहा जा सकता है, कि त्रिवेणी संगम का पानी नहाने के उपयुक्त है। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर रंजन ने कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उत्तर में काफी अंतर है या निष्कर्ष निकलना की पानी नहाने के लिए असुरक्षित है दरअसल जल्दबाजी होगी।