बलात्कार मामले में मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को कोर्ट ने दी राहत, घटना के 8 साल बाद हुई थी शिकायत दर्ज
Malayalam actor siddique: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मशहूर मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को एक अभिनेत्री द्वारा लगाया गया आरोपो के आधार पर उनके खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने 30 सितंबर को दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत को स्थाई कर दिया। हालांकि अभी अभिनेता को जांच में सहयोग करने और अपना पासपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपने का भी निर्देश दिया गया है। तो आईए जानते हैं कि यह पूरा मामला था क्या?
आठ साल बाद की गई शिकायत दर्ज
सिद्दीकी के खिलाफ आरोप तब सामने आए जब अगस्त में जस्टिस के हेमा कमेटी की रिपोर्ट जारी होने के बाद मलयालम फिल्म उद्योग में यौन दुराचार के आरोपो की बाढ़ आ गई थी। रिपोर्ट में फिल्म उद्योग में बड़े पैमाने पर यौन शोषण और लैंगिक भेदभाव का खुलासा किया गया। दरअसल इस साल अगस्त में मलयालम अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ एक एक्ट्रेस के आरोप के बाद बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था, कि उन्होंने 2016 में उनका यौन उत्पीड़न किया था। उनके खिलाफ धारा 376 और 506 के तहत एक प्राथमिकता दर्ज की गई थी। इसके बाद सिद्दीकी ने एसोसिएशन आफ मलयालम मूवी असिस्टेंट के महासचिव पद से इस्तीफा भी दे दिया था।
शिकायतकर्ता की थी गलती
यह शिकायत न्यायमूर्ति हेमा आयोग की रिपोर्ट का नतीजा थी, जिसमें मलयालम सिनेमा में महिला कलाकारों द्वारा सामना किया जाने वाले यौन उत्पीड़न और भेदभाव का विवरण दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में 8 साल की देरी को जमानत देने का आधार माना। इसके अलावा शिकायतकर्ता से कई सवाल पूछे गए और 8 साल की देरी का कारण भी पूछा गया। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि 2018 में कहीं फेसबुक पर भी कथित यौन शोषण के संबंध में अपील करता सहित 14 लोगों के खिलाफ आरोप लगाए थे, और शिकायतकर्ता हेमा समिति के पास भी नहीं गई थी। इसलिए कोर्ट ने इस मामले में कार्यवाही नहीं की और सिद्दीकी को जमानत मिल गई।