'कांग्रेस भी रामलला की शरण में', प्रभारी अविनाश पांडे सहित 15 जनवरी को अयोध्या जाएंगे हजारों कार्यकर्ता
Congress Leaders Visit Ayodhya
Congress Leaders Visit Ayodhya: लखनऊ में कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने शनिवार को बड़ी बैठक की. इस मीटिंग में यूपी के करीब 60 बड़े नेता मौजूद थे. पार्टी के सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और विधान परिषद के पूर्व सदस्यों को बुलाया गया था. बैठक का इकलौता एजेंडा लोकसभा चुनाव रहा, लेकिन मीटिंग की शुरूआत में ही अयोध्या का मुद्दा उठ गया. सवाल उठा कि इस मामले में पार्टी का क्या स्टैंड हो?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को राम जन्म भूमि ट्रस्ट की तरफ से निमंत्रण मिल चुका है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को तय है. लेकिन कांग्रेस की तरफ से अभी ये तय नहीं हुआ है कि जिन बड़े नेताओं को बुलाया गया है, वे अयोध्या जायेंगे या नहीं.
अखिलेश यादव पहले ही अपना स्टैंड कर चुके हैं साफ
इस बार यूपी में कांग्रेस इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी और आरएलडी के साथ है. इन्हीं पार्टियों से तालमेल कर चुनाव लड़ने का फैसला हो चुका है. राम मंदिर के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का स्टैंड ये रहा है कि जब भगवान बुलायेंगे तब जायेंगे. अखिलेश यादव हाल के दिनों में कहते रहे हैं कि भगवान राम सबके हैं और उनके बुलावे पर ही हम अयोध्या जाएंगे. मजाक के लहजे में उन्होंने तो ये तक कह दिया कि आप जानते हैं कि भगवान कब बुलाते हैं.
विधानसभा चुनाव के वक्त अयोध्या गए थे अखिलेश
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वे चुनाव प्रचार के लिए अयोध्या गए थे. तब अखिलेश यादव ने कहा था कि जब मंदिर बन जाएगा तब रामलला का दर्शन करने जाएंगे. उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव भी कहती रहीं हैं कि भगवान जब बुलाएंगे तब हम जाएंगे. विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि राजनैतिक दलों के अध्यक्षों अखिलेश यादव, नीतीश कुमार और मायावती का नाम आमंत्रित लोगों की लिस्ट में है. समाजवादी पार्टी के शफीकुर रहमान बर्क, एस टी हसन और स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार राम मंदिर के खिलाफ बयान दे रहे हैं.
15 जनवरी को राम मंदिर का दर्शन करेंगे यूपी कांग्रेस के नेता
समाजवादी पार्टी की सहयोगी दल कांग्रेस के कुछ नेता भी कम नहीं हैं. राम मंदिर को लेकर उनकी तरफ से भी कई तरह के बयान आते रहे हैं, लेकिन लखनऊ में हुई कांग्रेस की बैठक में अयोध्या जाने का फैसला हुआ है. तय हुआ है कि मकर संक्रांति के बाद पार्टी के नेता एक साथ अयोध्या जाएंगे. बैठक में फैसला हुआ है कि पार्टी के नेता 15 जनवरी को राम मंदिर का दर्शन करेंगे.
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बोले- नारा लगाते हुए हम अयोध्या पहुंचेंगे
उसी दिन सभी नेता सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाकर पूजा पाठ करेंगे. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि जय सियाराम के नारे लगाते हुए हम अयोध्या पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले तो राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. मंदिर बुलाने के लिए किसी को कार्ड देने की क्या जरूरत है! इसका मतलब ये है कि कांग्रेस इस बार यूपी में खुल कर सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति करने के मूड में है.
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