कांग्रेस ने छुपाया आजादी का इतिहास : रंजीता मेहता

कांग्रेस ने छुपाया आजादी का इतिहास : रंजीता मेहता

कांग्रेस ने छुपाया आजादी का इतिहास : रंजीता मेहता

कांग्रेस ने छुपाया आजादी का इतिहास : रंजीता मेहता

नेताजी की जयंती 23 जनवरी पर हरियाणा बोलेगा- जयहिन्द बोस : रंजीता मेहता 

3 लाख 27 हजार सेनानियों ने दिया आजादी के लिए बलिदान 

पंचकूला। कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई का इतिहास छुपाया और अपने कुछ नेताओं को आजादी का श्रेय दिया । नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस  के रूप में मनाकर हर गाँव और वार्ड में कार्यक्रमों  के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस के वीरों का इतिहास और उनकी शौर्य गाथाएं लोगों तक पहुंचाई जाएंगी। पंचकूला भाजपा कार्यालय में एक प्रैस वार्ता में हरियाणा भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रंजीता मेहता ने बताया कि नेताजी जी की जयंती 23 जनवरी को  हरियाणा बोलेगा- जयहिन्द बोस । 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों द्वारा  बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह और उनके दो सेनानियों गुलाब सिंह सैनी और  भूरा बाल्मीकि को चांदनी चौक में 9 जनवरी के दिन फांसी पर लटका दिया गया था।  प्रैस वार्ता में मेयर कुलभूषण गोयल, जिला अध्यक्ष अजय शर्मा, महामंत्री वीरेंद्र राणा भी उपस्थित थे।
हरियाणा भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रंजीता मेहता ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चंद बोस की 125 वी जयंती पर प्रदेश भर में 7500 स्थानों पर 6 लाख लोग  आजाद हिंद फौज का तराना गाकर नेताजी व उनकी आजाद हिंद फौज से जुड़े स्वतंत्रता सेनानियों को याद करेंगे । प्रदेश के 6 लाख लोग 23 जनवरी को नेताजी को जयहिन्द  बोस बोलेंगें । इसके लिए प्रदेश के हर वार्ड और गांव में प्रमुख तय किये गए हैं और 2-2 भाजपा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है । हर कार्यक्रम में 75 - 75 लोग रहेंगे । रंजीता मेहता ने कहा कि देश आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस महोत्सव के तहत हरियाणा भारतीय जनता पार्टी ने भी ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को इतिहास में जगह दिलाने और इनकी शौर्य गाथाओं को घर-घर पहुंचाने का बीडा उठाया है, जिसे कोंग्रेस द्वारा देश से छुपाया गया । इस पूरे अभियान का नेतृत्व हरियाणा भाजपा के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़  स्वयं कर रहे हैं । देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेशनल वार  मेमोरियल पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का  का स्टेचू लगाने की घोषणा कर उनका सम्मान देने का कार्य किया है । अम्मू ने कहा कि आजाद जींद फौज में देश के 26000 सैनिक थे । आज़ाद हिन्द फौज में हरियाणा के लगभग 2,715 सैनिक शामिल थे, जिनमें 398 अफसर और 2,317 जवान थे | उस समय के  गुड़गाँव जिले से (गुड़गाँव, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़) 106 अफसर तथा 580 जवानों सहित कुल 686 सैनिक इस मुक्ति सेना का हिस्सा बने । इन वीरों ने 'मित्र राष्ट्रों की सेनाओं से जमकर लोहा लिया । जनवरी 1944 में आज़ाद हिन्द फौज की सुभाष ब्रिगेड को प्रमुख सेनानी शाहनवाज खां के नेतृत्व में अंग्रेज़ों से सशस्त्र युद्ध करने का अवसर प्राप्त हुआ । आज़ाद हिन्द फौज की ओर से लड़ते हुए इस पवित्र युद्ध में हरियाणा के कुल 22 वीर अफसर तथा 324 बहादुर जवान वीरगति को प्राप्त हुए । आजाद हिंद फौज के आठ सैनिक आज भी जिंदा है। जबकि 321 सैनिकों की विरांगनाएं आजाद हिंद फौज में सैनिक रहे अपने वीर पतियों की शौर्य गाथा सुनाने के लिए जिंदा है । 
जिला अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में प्रदेश पदाधिकारियों की काला पानी यात्रा के दौरान में शहीदों के साथ हुए भयंकर अत्याचार और उनके नृशंस हत्याकांड की वो कहानी सामने आई, जो देशवासियों से आज तक छुपी हुई है । 1943 में कालापानी की इस पवित्र भूमि पर नेताजी ने झंडा फहराया था । अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने वहां पर नेताजी को नमन किया और जयहिन्द बोस बोला । वर्ष 1908 के बाद स्वतंत्रता के लिए हुई अलग-अलग 120 घटनाओं के सेनानियों को बंदी बनाकर काला पानी भेजा गया । इनका रिकार्ड अंडमान की सेलूलर जेल में फोटो सहित उपलब्ध है, लेकिन इन वीरों की कहानी आजादी के बाद भी देश के सामने नहीं आने दी गई।  वहां से लाकर कालापानी की सेलुलर जेल की पवित्र मिट्टी हरियाणा के सभी जिलों में भेजी, जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने मस्तक से लगाया । कालापानी में वर्ष 1858 से लेकर वर्ष 1910 तक बंदी बनाकर काला पानी भेजे जाने वाले इन सेनानियों के नामों का रिकार्ड भी नहीं है । उन्होंने बताया कि  3 लाख 27 हजार सेनानियों ने आजादी के लिए बलिदान दिया ।  जिसमें से  13500 लोगों को कानूनी तरीके से सजा देकर  और तीन लाख से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानियों को बिना रिकोर्ड दर्ज किए मारा गया । धोखे की मानसिकता वाली कांग्रेस ने जिस स्थान पर नेता जी ने झंडा फहराया था, उस पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे 'डी सेरोमोनियल' घोषित कर दिया था। शहीदों और उनके परिवारों का सम्मान करना और आजादी की लड़ाई में उनके बलिदान के लिए सभी स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना हमारा नैतिक फर्ज है । 23 जनवरी को पुरे प्रदेश में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस  और अन्य शहीदों का सम्मान कर उनकी वीर गाथाएं जन जन तक पहुचएंगे।