Congress Goes Solo in Delhi Elections, Ajay Maken Accuses AAP of Betrayal

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस अकेले मैदान में, अजय माकन ने आप पर साधा निशाना!

Congress Goes Solo in Delhi Elections, Ajay Maken Accuses AAP of Betrayal

Congress Goes Solo in Delhi Elections, Ajay Maken Accuses AAP of Betrayal

नई दिल्ली, 4 फरवरी: Congress Alone in Delhi Elections, Maken Slams AAP: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार सभी 70 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन की चर्चाएं थीं, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। वहीं, इंडिया गठबंधन के अन्य दल जैसे समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है।

अजय माकन ने किया बड़ा खुलासा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अजय माकन ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में इस मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि गठबंधन को लेकर महागठबंधन के अन्य दलों से चर्चा हुई थी, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। माकन ने कहा, "हमने अपने सहयोगी दलों से बातचीत की थी, यहां तक कि अरविंद केजरीवाल से भी चर्चा हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।"

गठबंधन सहयोगियों ने किया आप का समर्थन

जब अजय माकन से पूछा गया कि क्या महागठबंधन के साथी दलों ने कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "अगर वे हमारी बात मानते, तो आज आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे होते।" इससे साफ है कि कांग्रेस ने गठबंधन की कोशिश की थी, लेकिन अन्य दलों ने आम आदमी पार्टी का साथ देना बेहतर समझा।

हरियाणा में भी कांग्रेस को झटका

माकन ने बताया कि न सिर्फ दिल्ली बल्कि हरियाणा में भी गठबंधन को लेकर बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा, "आप पहले चार सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन बाद में छह सीटें चाहने लगी। हमने कहा कि हमें अपने स्थानीय नेताओं से बात करने का समय दीजिए, लेकिन इसके अगले ही दिन केजरीवाल जेल से बाहर आए और हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।"

"आप ने किया विश्वासघात"

अजय माकन ने आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा, "दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी ने यही किया। उन्होंने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।" माकन के इस बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी से गठबंधन न हो पाने को राजनीतिक धोखा मान रही है।

अब देखना होगा कि दिल्ली में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़कर कितनी सीटें जीतने में कामयाब होती है और इंडिया गठबंधन की इस फूट का चुनावी परिणामों पर क्या असर पड़ता है।